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....तो अपनी ड्यूटी 'भूल' जाती है बिहार पुलिस ? CM नीतीश की सख्त चेतावनी के बाद बरामद होने लगी शराब, दिखावे के लिए छापेमारी जारी

....तो अपनी ड्यूटी 'भूल' जाती है बिहार पुलिस ? CM नीतीश की सख्त चेतावनी के बाद बरामद होने लगी शराब, दिखावे के लिए छापेमारी जारी

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधि-व्यवस्था को लेकर एक पखवाड़े के अंदर शनिवार को तीसरी बार समीक्षा बैठक की और साफ किया कि अपराध नियंत्रण में तनिक भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। कानून-व्यवस्था को बनाये रखना राज्य सरकार की पहली जिम्मेदारी है। सीएम नीतीश ने अफसरों से साफ-साफ कह दिया कि शराबबंदी को हर हाल में सफल बनाना होगा। अधिकारियों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने पुलिस अफसरों को चेताते हुए कहा कि आखिर घर-घर कैसे पहुंच रही, इतनी बड़ी मात्रा में शराब आने का मतलब है कि चेकिंग नहीं हो रही. 

CM नीतीश की चेतावनी के बाद जागी पुलिस 

सीएम नीतीश के हड़काने के बाद बिहार पुलिस की नींद खुली है। लिहाजा अब पुलिस छापेमारी में जुट गई है। पूरे बिहार में अब शराब जब्ती को लेकर पुलिस सक्रिय हुई है। अब तक कई जिलों से यह खबर आई है कि पुलिस ने हजारो लीटर शराब जब्त किये हैं. उत्तर और दक्षिण बिहार के कई जिलों में बड़ी मात्रा में शराब बरामद होना यह बताता है कि बिहार में शराब का कारोबार धडल्ले से जारी है और पुलिस की भी इसमें खुले तौर पर संरक्षण मिला हुआ है।सीएम नीतीश कुमार ने शराब मिलने पर कड़ी आपत्ति जताई है इसके बाद पुलिस को ड्यूटी का अहसास हुआ है और ताबड़तोड़ छापेमारी की जा रही है।

 मीटिंग के बाद ही शराब क्यों होती है बरामद?

नीतीश कुमार की क्राइम मीटिंग के बाद अब छापेमारी शुरू हुई है। अगले कुछ दिनों तक दिखावे के लिए यह छापेमारी और बरादमगी की कार्रवाई चलेगी। फिर पुलिस गहरी नींद में सो जाएगी और शराब कारोबारी खुलेआम शराब का कारोबार करेंगे। बड़ा सवाल यही है कि आखिर सीएम नीतीश के हड़काने के बाद ही पुलिस क्यों जागती है? आखिर पुलिस की ड्यूटी क्या है.... अगर वह अपनी ड्यूटी के प्रति सक्रिय नहीं है तो फिर वरीय अधिकारी क्या निगरानी करते हैं? 

वरीय अधिकारी पर लगाम कसे सरकार

पुलिस के जानकार बताते हैं कि पुलिस के अधिकारी जिन्हें थाना लेवल पर निगरानी करनी है वे ही पूरी तरह से निष्क्रिय हो गए हैं। लिहाजा बिहार की ये स्थिति हो गई है। जिन अधिकारियों को निचले लेवल तक पुलिसकर्मियों की निगरानी का जिम्मा है वे ही चादर तान कर सो गए हैं. 

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