PATNA: पिछले तीन दिनों में हुई भारी बारिश सेे राजधानी पटना में हीं सीएम नीतीश का सुशासन डूब गया ।डूबा भी तो ऐसा डूबा कि उससे निकलने का नाम हीं नहीं ले रहा। लाल फीताशाही के नकारेपन ने सीएम नीतीश के सुशासन को नाक तक डूबो दिया. अपने सुशासन को डूबते देख सीएम नीतीश खुद हीं पानी में उतर गए। पुरे देश में भद्द पिटने के बाद सीएम नीतीश का गुस्सा चरम पर है। वे लापरवाह अधिकारियों पर गुस्से में लाल हैं। सीएम नीतीश कार्रवाई करने के बजाए उऩसे दूरी बना लिए हैं। सीएम नीतीश का गुस्सा हीं था कि जो हमेशा साथ चलने वाले अफसर और खास माने जाने वाले प्रधान सचिवों से भी उन्होंने किनारा कर लिया।
अपने प्रिय पात्र अफसरों को बिना लिए हीं सड़कों पर उतरे
बीती रात जब वे राजधानी पटना की सड़कों पर उतरे तो अपने खासमखास आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत को साथ नहीं लिया।इतना हीं नहीं नगर विकास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद भी साथ नजर नहीं आए।नजर तो बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक प्रसाद भी नहीं आए। दरअसल इन्हीं अधिकारियों पर बाढ़,बचाव और जलनिकासी की पूरी जिम्मेदारी है।बावजूद इसके मुख्यमंत्री बिना इनको लिए खुद हीं जल संसाधन मंत्री और वित्त प्रधान सचिव और पटना के प्रभारी एस. सिद्दार्थ के साथ राजधानी की सड़कों पर उतरे और हालात का जायजा लिया।
जिनपर सौ फीसदी विश्वास किया उन्हीं लोगों सुसासन को डूबोने में की मदद
बता दें कि राजधानी की स्थिति से अकबकाए नीतीश ने पहले तो आपात बैठक कर हालात को संभालने की कोशिश की,लेकिन जब सबकुछ डांवाडोल होने लगा तो गुस्से से लाल हो गए।उन्हीं मातहत अधिकारियों पर जिनपर उनका भरोसा सौ फीसदी था।भला बताइए सीएम को गुस्सा आकिर क्यूं न आए....इनके हीं सामने इनके हीं भरोसेमंद अधिकारियों ने भरोसा ऐसा तोड़ा कि सुशासन के चरित्र पर हीं बन आई। चौथे दिन जब यह पता चला कि हालात में बहुत बदलाव नहीं हो पाया है और सारी दुनिया में सुशासन की भद्द पीट रही है तब सीएम आपे से बाहर हो गए।फिर अधिकारियों को कस के सुना दिया।
जानकारी के अनुसार सीएम नीतीश को अधिकारियों ने गुमराह किया था। मुख्यमंत्री को प्रधानसचिव लेवल के अधिकारियों ने गलत इनपुट दिया था। सब कुछ गंवाने के बाद जब मुख्यमंत्री को हकीकत का पता चला तो वे अपनी लाज बचाने के लिए दो प्रधानसचिव की जमकर क्लास लगा दी है।
बताया जाता है कि वे इस बात काफी खफा थे कि उन्हें गलत सूचना दी गई।वे इस बात से काफी नाराज थे कि जब मौसम विभाग ने जब अलर्ट किया था तो उस स्तर की तैयारी क्यों नहीं की गई।आपदा प्रबंधन और नगर विकास विभाग की कार्यशैली को लेकर सीएम नीतीश खासे नाराज थे।
सीएम नीतीश ने अधिकारियों से पूछा कि राजधानी में नाला बनाने वाली कंपनी के काम की रफ्तार इतनी धीमी क्यों है।जगह-जगह गड्ढा खोदकर क्यों छोड़ दिया गया है।नया नाला निर्माण होने के पहले हीं पुराने नाले को क्यों तोड़ा गया।जब अलर्ट था तो नगर निगम ने तैयारी क्यों नहीं की।नगर विकास विभाग क्या कर रहा था? सीएम नीतीश ने अधिकारियों से सवालों की झड़ी लगा दी....वहीं अधिकारियों की लापरवाही के संबंध और लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करने के संबंध में पूछे जाने पर आपदा प्रबंधन मंत्री ने चुप्पी साध ली।