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JDU बनी 3 नंबर की पार्टी तो CM नीतीश ने 'करप्शन' से कर लिया समझौता! कभी तेजस्वी पर लगे आरोप के बाद रातोंरात बदल लिया था पाला

JDU बनी 3 नंबर की पार्टी तो CM नीतीश ने 'करप्शन' से कर लिया समझौता! कभी तेजस्वी पर लगे आरोप के बाद रातोंरात बदल लिया था पाला

पटनाः बिहार की जनता ने इस बार सत्ताधारी जेडीयू को तीसरे नंबर की पार्टी बना दी है। नीतीश कभी बड़े भाई की भूमिका में होते थे लेकिन इस बार वोटरों ने धऱती पर ला दिया। बीजेपी को पंद्रह सालों से छोटा समझने वाले नीतीश कुमार इस बार पानी-पानी हो गए हैं। इसी के साथ मुख्यमंत्री नीतीश ने लगता है कि करप्शन से समझौता भी कर लिया है। अपपने मंत्रिमंडल के साथियों पर सिर्फ छींटे पड़ने पर कई मंत्रियों से इस्तीफा लेने वाले नीतीश कुमार ने इस बार बड़े घोटाले के आरोपी को मंत्री बनाकर यह बता दिया कि अब उके लिए भ्रष्टाचार कोई मायने नहीं। 

तेजस्वी पर आरोप लगने पर सफाई देने का बहाना बना बदल लिया था पाला

तेजस्वी यादव पर जब भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे तो यही नीतीश कुमार अपने कैबिनेट सहयोगी तेजस्वी यादव से पब्लिक डोमेन में जाकर अपनी बात रखने को कहा था। नीतीश कुमार ने कहा था कि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को अपने उपर लगे आरोपों की सफाई देनी चाहिए। तेजस्वी यादव ने जब ऐसा नहीं किया तो यही नीतीश कुमार रातों-रात पाला बदलकर बीजेपी के खेमे में चले गए और फिर से भाजपा के सहयोग से सरकार बना ली।

रामानंद सिंह से भी लिया था इस्तीफा

सिर्फ तेजस्वी यादव के साथ ही नहीं बल्कि कई अन्य मंत्रियों पर जब भ्रष्टाचार के छींटे पड़े तो तत्काल उनसे इस्तीफा ले लिया। 2009 में घटिया पाइप खरीद के मामले में फंसे परिवहन मंत्री रामानन्द प्रसाद सिंह को मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देना पड़ा था। मीडिया में अधिक कीमत पर घटिया क्वालिटी की पाइप खरीदने के आरोप वाली खबर सामने आई इसी के बाद उन्होंने एक अणे मार्ग जाकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को अपने इस्तीफा सौंपा था। रामानंद सिंह के इस्तीफे के बाद सत्ता के गलियारे में राजनीतिक तापमान अचानक बढ़ गया था।सिंह से इस्तीफा लेकर नीतीश कुमार ने एक बार फिर यही साबित किया था कि मंत्रिमंडल में दागियों के लिए कोई जगह नहीं है।  

मांझी को भी मंत्रिमंडल से किया था बाहर

नीतीश कुमार ने नवम्बर, 05 में जब शपथग्रहण  किया था उसके 24 घंटे के भीतर ही जीतनराम मांझी को बाहर का दरवाजा दिखा कर किया था।माझी पर भी एक आरोप था और केस लंबित था।मांझी शपथ लेकर घर ही पहुंचे थे कि नीतीश कुमार ने इस्तीफा देने को कहा था और आखिरकार उन्हें इस्तीफा करना पड़ा था।

मंजू वर्मा से भी ले लिया था इस्तीफा

अभी करीब डेढ़ साल पहले नीतीश कैबिनेट के एक और मंत्री मंजू वर्मा पर मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड में नाम आये बिना ही इस्तीफा ले लिया था। पुलिस ने जब इनके घऱ में छापेमारी की तो गोलियां बरामद की गई थी। भला नीतीश कुमार इसे कैसे बर्दाश्त करते और मंजू वर्मा को मंत्री के साथ-साथ पार्टी से निलंबित भी कर दिया था।

सीएम नीतीश ने भ्रष्टाचार के आरोपी को मंत्री बना दिया सम्मान

इस बार के विधानसभा चुनाव में जनता ने जब कमजोर कर दिया और तीसरे नंबर पर लाकर खड़ा कर दिया इसके बाद जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष कमजोर हो गए हैं। तभी तो भ्रष्टाचार से कभी समझौता नहीं करने वाले शख्स ने एक ऐसे विधायक को मंत्री बना दिया जिसपर भ्रष्टाचार और बहाली में फर्जीवाड़ा के गंभीर आरोप हैं। सीएम नीतीश ने घोटाले के आरोपी मेवालालस चौधरी को मंत्री बनाकर सम्मानित कर दिया। 

तेजस्वी का नीतीश पर अटैक

तेजस्वी यादव मेवालाल के बहाने नीतीश कुमार पर हमला कर रहे हैं. तेजस्वी ने ट्वीट ने कहा क भ्रष्टाचार के अनेक मामलों में भगौडे आरोपी को शिक्षा मंत्री बना दिया। अल्पसंख्यक समुदायों में से किसी को भी मंत्री नहीं बनाया। सत्ता संरक्षित अपराधियों की मौज है। रिकॉर्डतोड़ अपराध की बहार है। कुर्सी ख़ातिर Crime, Corruption और Communalism पर मुख्यमंत्री जी प्रवचन जारी रखेंगे।

मंत्री मेवालाल पर घोटाले के हैं गंभीर आरोप

जेडीयू के विधायक और अब शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी जिस पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं और बिहार की निगरानी जांच ब्यूरो ने केस दर्ज कराया था उनको भी मंत्री पद से सम्मानित किया गया है। जेडीयू के विधायक और वर्तमान में मंत्री पद की शपथ ले चुके मेवालाल चौधरी 2010-15 के बीच में सबौर कृषि विवि में वाइस चांसलर थे। इन पर जूनियर वैज्ञानिक की बहाली में धांधली और भवन निर्माण में घपला के गंभीर आरोप हैं। मामला सामने आने के बाद बिहार में काफी हाय-तौबा मची थी। बिहार में नीतीश सरकार की फजीहत होने के बाद इस मामले की निगरानी ब्यूरो से जांच कराई गई। निगरानी ब्यूरो की जांच में आरोप प्रमाणित हुए इसके बाद मेवालाल चौधरी पर स्पेशल विजिलेंस ने 2017 में केस दर्ज किया था और भागलपुर के सबौर थाने में भी 2017 में केस दर्ज हुआ था. जदयू के विधायक मेवालाल चौधरी के खिलाफ आईपीसी की धारा 409, 420, 46,7 468, 471 और 120 बी के तहत भ्रष्टाचार के मुकदमा दर्ज है। इनके खिलाफ अभी भागलपुर के एडीजे-1 की अदालत में मामला लंबित है। 


 

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