पटना : मुख्यमंत्री के सात निश्चय में से एक हर घर नल का जल योजना में कोताही बरतने वाले ठेकेदारों और एजेंसियों पर लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने कार्रवाई करने का मन बना लिया है।विभाग ने कोताही बरतने वाले करीब दो दर्जन एजेंसियों को निशाने पर लिया है ।इन्हें नोटिस जारी कर पूछा गया है कि क्यों नहीं उनके कंपनी को काली सूची में डाल दिया जाए।
2 दर्जन एजेंसियों को काली सूची में डालने की तैयारी
मुख्यमंत्री का ड्रीम प्रोजेक्ट हर घर नल का जल योजना पर उसके तहत काम करने वाली एजेंसियों ने ही ग्रहण लगा दिया है। एजेंसियों का इकरारनामा समाप्त होने के बाद भी काम समाप्त नहीं हो पाया है। मतलब साफ है की काम में कोताही बरती गई है ।बता दें कि लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग का लक्ष्य 56000 वार्डों में नल का जल पहुंचाना है जिसे 31 मार्च 2020 तक पूरा करना था लेकिन फिलहाल जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें यह बताया गया है कि करीब दो दर्जन एजेंसी इस काम में काफी पीछे हैं। उनकी वजह से हर घर नल का जल योजना पर ग्रहण लग सकता है। इन परिस्थितियों को देखते हुए लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग ने दो दर्जन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है
इन एजेंसियों को जारी किया गया नोटिस
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग के द्वारा जिन कंपनियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है उसमें टेक्नो इंडिया प्राइवेट लिमिटेड नई दिल्ली, मेसर्स राइट वाटर सोलुशन नागपुर, आंध्र प्रदेश की कंपनी में वेदिस सोलर प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स ब्राइट सोलर प्राइवेट लिमिटेड, प्रीमीयर सोलर सिस्टम तेलंगाना, मैसर्स मेंब्रेन फिल्टर पुणे, एनवायरोटेक इंफ्रास्ट्रक्चर कोलकाता, एनालिटिकल लैब ओखला सूर्या इंटरनेशनल ओडिशा प्रमुख है।