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सीएम नीतीश की तरफ से नई घोषणा नहीं किए जाने से निराश हुए नियोजित शिक्षक,कह रहे- सेवा शर्त लागू हो जाएगा तभी होगा विश्वास

सीएम नीतीश की तरफ से नई घोषणा नहीं किए जाने से निराश हुए नियोजित शिक्षक,कह रहे- सेवा शर्त लागू हो जाएगा तभी होगा विश्वास

पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा स्वतंत्रता दिवस पर नई घोषणा नहीं किये जाने से राज्य के नियोजित शिक्षक निराश हैं.बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जनता के नाम अपने संबोधन में नियोजित शिक्षकों के लिए कोई नई घोषणा नहीं की है ।  उन्होंने कहा कि राज्य के लगभग 4.5 लाख नियोजित शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष और उनके लगभग 40 लाख परिवारजन मुख्यमंत्री से काफी आस लगाए थे, लेकिन उन्होंने  सबों को निराश किया।

संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि जब सरकार 2015 में ही नियोजित शिक्षकों को यानी पहले ही सेवा शर्त देने की घोषणा की है तथा जिसके लिए सरकारी संकल्प,कमेटी का गठन व पुनर्गठन आदेश जारी किया जा चुका हो। कमेटी की बैठकें हो रही और सभी जानकारियां सार्वजनिक है तो इसमें नया क्या है। मात्र इसे जल्द लागू करने की बात कहना देने से कोई नई घोषणा नहीं हो जाती। सेवा शर्त में प्रमुख रूप से क्या लाभ मिलेगा इसका भी जिक्र उन्होंने नहीं किया। 

उन्होंने कहा कि जहां तक नियोजित शिक्षकों को ईपीएफ का लाभ देने की घोषणा है तो यह अब तक सरकार खुद अपने ही बनाए कानून /एक्ट /नियम की अवहेलना कर रही थी। अभी तक इसे नियोजित शिक्षकों के लिए लागू नहीं करने का अपराधबोध को छुपाने और साथ ही इस मामले पर न्यायालय के आदेश की  अवमानना से बचने के लिए घोषित किया गया है। इस मामले को सरकार किसी न्यायालय में चुनौती भी नहीं दे सकती। क्योंकि यह सरकार का ही बनाया कानून /एक्ट है जो नियोजितों /कॉन्टेक्ट /प्राइवेट कर्मियों आदि पर लागू होता है और सरकार ही इसे कड़ाई से लागू करवाती भी है।  सरकार के सभी विभागों में ऐसे कर्मियों को इसका लाभ भी मिल रहा है।

संघ के प्रवक्ता अभिषेक कुमार ने कहा कि राज्य के नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षो का लंबे समय से चली आ रही मांग जिनमें पूर्ण वेतनमान, पूर्व की तरह सेवा शर्त एवं सभी लाभ, पंचायती राज संस्थाओं से मुक्ति आदि मांगों पर तथा जिसके  लिए नियोजित शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष रोड पर आये, पुलिस के डंडे खाईं, यहां तक की अपनी शहादत भी दी, उन मुद्दों पर किसी प्रकार की कोई घोषणा न कर मौन हो जाना सभी को निराश कर गया। 

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों राज्य के नियोजित शिक्षकों व पुस्तकालयाध्यक्षो की लगभग ढाई महीने तक चली हड़ताल एवं कोरोना महामारी के कारण सरकार के लिखित अनुरोध एवं आश्वासन के बाद हड़ताल स्थगन के समय भी वादा किया गया था कि सभी मांगों पर विचार कर पूर्ण किया जाएगा जबकि मुख्यमंत्री स्वंय भी सदन और सदन के बाहर सार्वजनिक रूप से नियोजित शिक्षकों की सभी मांगों को पूरा करने की बात कह चुके है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी, जब आप राज्य के नियोजित शिक्षकों को अपना बताते हैं और इन्हें राज्य की पूंजी भी बताते हैं तो फिर अपनो जैसा व्यवहार करते हुए सभी मांगो को भी पुरा किजिए।

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