पटनाः ....क्या बिहार की राजनीति एक बार फिर से करवट ले रही है।हाल के दिनों में जिस तरह से नीतीश कुमार के प्रति राजद के नेता नरमी दिखा रहे हैं उससे इस चर्चा को बल मिल रहा है। दो दिन पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बाढ़ इलाकों में दौरा के बहाने राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी के घर हो आए। राजद नेता के घर चाय पीने के बहाने नीतीश कुमार और सिद्द्की के बीच करीब आधे घंटे तक गोपनीय बातचीत हुई।
दोनों नेताओं के बीच मुलाकात के बाद राजद जहां इस मुलाकात को जायज ठहरा दिया, वहीं राबड़ी देवी समेत तमाम राजद विधायकों ने इस मुलाकात के बहाने बीजेपी पर तंज कसना शुरू कर दिया। राबड़ी देवी ने तो यहां तक कह दिया कि अगर नीतीश कुमार सिद्दीकी जी के घर गए तो इसमें हर्ज क्या है।उन्होंने बीजेपी पर तंज कसा और कहा कि इस मुलाकात को लेकर भाजपा के नेता परेशान क्यों है।
वहीं सिद्दीकी और नीतीश कुमार के बीच मुलाकात के बाद अगले दिन डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने बजट पर चर्चा के दौरान सदन में अचानक कह दिया कि एकबार फिर से बिहार एनडीए नीतीश कुमार के नेतृत्व में 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ेगी।
बाढ़ के बहाने मोदी सरकार पर हमला
इसी बीच मंगलवार को विधानसभा में बाढ़ के बहाने राजद ने सीएम नीतीश के प्रति काफी नरमी दिखाई जबकि बीजेपी और केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर हमला बोला।राजद के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने एक बार फिर से नीतीश कुमार के खिलाफ एक शब्द बोलने से परहेज किया।राजद विधायक ने सदन में बाढ़ को लेकर सीधे नरेंद्र मोदी की सरकार पर हमला बोला।
उन्होंने सदन में कहा कि बिहार बाढ़ से बेहाल है लेकिन केंद्र सरकार ने बिहार की कोई मदद नहीं की।मदद की बात तो छोड़ दीजिए सांत्वना के शब्द भी केंद्र सरकार के मंत्रियों के मुंह से नहीं निकले।सिद्दीकी ने सदन में हीं कहा कि भारत सरकार को केंद्रीय टीम भेजनी चाहिए और केंद्रीय सहायता देनी चाहिए। सिद्दीकी ने लगे हाथ नीतीश कुमार के मुंह में मुंह मिलाते हुए यह कह दिया कि केंद्र सरकार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा हीं दे दे।