बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

सीएम नीतीश की महत्वाकांक्षी 'योजना' धूल फांक रही! औरंगाबाद में पेयजल के लिए मचा हाहाकार, नल जल योजना फेल, हैंडपंप से भी नहीं आ रहा पानी

सीएम नीतीश की महत्वाकांक्षी 'योजना' धूल फांक रही! औरंगाबाद में पेयजल के लिए मचा हाहाकार, नल जल योजना फेल, हैंडपंप से भी नहीं आ रहा पानी

औरंगाबाद. अति नक्सल प्रभावित देव प्रखंड के पचौखर गांव में भयंकर गर्मी के इस मौसम में पेयजल के लिए हाहाकार मचा है। भूगर्भीय जल स्तर में गिरावट आने से गांव में लगे सभी हैंडपंप जवाब दे दिया है। उनसे पानी आना बंद हो गया है। हद तो यह है कि गांव में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अति महत्वाकांक्षी हर घर नल का जल योजना भी पूरी तरह फेल हो गयी है। घरों तक नल की टोंटी तो पहुंचाई गई है लेकिन जल मीनार से पानी नहीं आ रहा है।

यह स्थिति इस साल से नहीं बल्कि पिछले दो साल से बनी हुई है। हर साल गर्मी के मौसम में इस गांव के लोग पेयजल संकट से जूझते है, पर सरकारी अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। ग्रामीण हर साल अधिकारियों से लेकर जन प्रतिनिधियों तक से गुहार लगाते हैं। लेकिन नतीजा हर बार सिफर होता है। बरसात आते ही भूगर्भ जल स्तर उपर आ जाता है। नतीजा गांव के सूखे हैंडपंप फिर से हल्की फुल्की मरम्मत के बाद पानी देने लगता है। लेकिन बात आयी-गयी हो जाती है और फिर गर्मी का मौसम आते ही पुराना हाल हो जाता है और ग्रामीण पेयजल संकट से जूझने लगते हैं।

ग्रामीण इसे लेकर बेहद आक्रोशित है। आक्रोश में वे सरकार से लेकर अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों तक को खरी खोटी सुनाते हैं और विरोध में नारेबाजी करने से भी गुरेज नहीं करते। ग्रामीणों का साफ कहना है कि मुख्यमंत्री जी यदि नल जल योजना से हमे पानी नहीं दे सकते हैं, तो इसे उखाड़ कर ले जाएं। हम भगवान के रहमोकरम से किसी तरह काम चला लेंगे।

ग्रामीण कहते हैं कि अब उन्हे किसी से कोई उम्मीद नहीं बची है। वे नाउम्मीदी के बीच गांव के बाहर स्थित एकलौते कुएं से पानी लाकर काम चला रहे हैं। यह कुआं ही गर्मी में पीने के पानी का उनका एकमात्र सहारा है। गौरतलब है कि पचौखर वही गांव है, जहां करीब डेढ़ दशक पहले नक्सलियों द्वारा लगाया गया सिलेंडर बम फटा था और आधा दर्जन बच्चों की मौत हुई थी।

Suggested News