CM नीतीश के विधायक ने पूछा- ई अशोक चौधरी कौन होते हैं टिकट बांटने वाले ? ये तो धोखेबाज हैं...जो कांग्रेस का नहीं हुआ वो हमारी पार्टी का क्या होगा.....

PATNA: नीतीश कुमार के बेहद करीबी मंत्री अशोक चौधरी ने भूमिहारों के खिलाफ बयानबाजी की. इसके बाद बवाल मच गया है. मंत्री का जबरदस्त रूप से विरोध हो रहा है. जेडीयू ने भी अशोक चौधरी के बयान से पल्ला झाड़ लिया है. विरोध में जेडीयू के विधायक-विधान पार्षद खुल्लम खुल्ला मैदान में उतर गए हैं. हालांकि विवाद बढ़ता देख अशोक चौधरी ने अपनी सफाई भी दी है. इसके बाद भी दल के अंदर से विरोध रूकने का नाम नहीं ले रहा. अब पार्टी के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी के खिलाफ जमकर भड़ास निकाली है. जेडीयू विधायक ने अपनी ही पार्टी के वरिष्ठ नेता व नीतीश कैबिनेट में मंत्री अशोक चौधरी को धोखेबाज करार दिया है. कहा है कि ये कौन होते हैं भूमिहार समाज के खिलाफ बोलने वाले ?
अशोक चौधरी कौन होते हैं टिकट बांटने वाले ?
परबत्ता से जेडीयू के विधायक डॉ. संजीव कुमार ने कहा कि अशोक चौधरी को जरूर से ज्यादा मिल गया है. इसीलिए पागलपंथी में इस तरह का बयान दे रहे हैं. भूमिहार समाज को लेकर मंत्री अशोक चौधरी ने बयान दिया है वो निंदनीय है. हमारे समाज के सभी लोग उनके बयान की निंदा करते हैं. उन्होंने अशोक चौधरी पर हमला बोलते हुए कहा कि आप कौन होते हैं टिकट बांटने वाले ? हमारे दल में तो आपको कोई अधिकार ही नहीं है. टिकट बांटने का अधिकार सिर्फ नीतीश कुमार को है. चिंटू पिंटू का कोई मतलब नहीं है. कोई स्वाभिमानी आदमी यह काम नहीं कर सकता है. हम लोग यह काम नहीं कर सकते हैं. यह महाशय हम ही पर विधायकों के अपहरण का केस कराए हुए हैं. क्योंकि हमने उनके यहां दरबारी नहीं किया. हम इनका कोई वैल्यू नहीं देते हैं.
अशोक चौधरी खुद धोखेबाज हैं....
जेडीयू विधायक ने आगे कहा कि अशोक चौधरी भूमिहारों को देखना नहीं चाहते हैं. हम पर केस कराए. बरबीघा के विधायक जो राजो बाबू के पोता हैं उनके पीछे भी पड़े हुए हैं. जबकि उनकी बेटी के चुनाव में भूमिहार समाज के 95 फ़ीसदी वोटरों ने वोट दिया. अशोक चौधरी जी आप भूमिहार समाज के एक परिवार ठेका ले सकते हैं, पूरे समाज का ठेका लेने वाले आप कौन हैं? भूमिहार जाति जागृत कास्ट है. यह समाज ऐसे चिंटू पिंटू के लोग के अंडर में काम करेगा. डॉ. संजीव ने कहा कि इस बार अशोक चौधरी फंसे हैं. ललन बाबू के साथ भी इन्होंने बदतमीजी की थी. इनको लगा कि इतना कर लिए कुछ हुआ नहीं. ऐसे में इनका मनोबल बढ़ते गया .ब यह भूमिहारों के खिलाफ बोल रहे हैं. अशोक चौधरी पार्टी को दीमक की तरह खत्म कर रहे हैं. जो व्यक्ति कांग्रेस का नहीं हुआ वह हमारी पार्टी का क्या होगा, मंत्री पद की लालच में इधर भाग कर आ गए .अशोक चौधरी खुद ही धोखेबाज हैं.
अशोक चौधरी का एक और सरेंडर....
अशोक चौधरी द्वारा भूमिहारों पर विवादित टिप्पणी करने से जदयू में मचे घमासान के बाद शनिवार को अशोक चौधरी ने सफाई दी. उन्होंने कहा कि जहानाबाद में उन्होंने जो टिप्पणी की थी उससे किसी जाति को आहत करने का कोई मकसद नहीं था. कुछ लोग विरोध में ऐसी बातों को हवा दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि भूमिहार जाति के साथ हमेशा से उनके बेहतर सम्बंध रहे हैं. भूमिहार जाति से अपने नजदीकी रिश्ते बताते हुए कहा कि मेरे पिता जी को भूमिहार ने पढ़ाया. श्री कृष्ण बाबू के कारण मेरे पिता पढ़े. मैं भी भूमिहार की गोद में पला हूँ. इसलिए भूमिहार को अपमान करने का आरोप निराधार है. उन्होंने कहा कि जब शेखपुरा में कांग्रेस नेता राजो सिंह के साथ उनकी सियासी लड़ाई थी तब भी कुछ लोगों ने उन्हें भूमिहार विरोध के रूप में पेश किया था, जबकि वहीं से चुनाव लड़कर उन्होंने जीत हासिल की. बाद में भी चुनाव जीता. भूमिहार जाति के लोगों ने उन्हें वोट दिया था. उन्होंने कहा कि अब कुछ बयानवीर लोग हैं जो वोट भले ना दिला पाते हों लेकिन गलत तरीके से बातों को पेश कर रहे हैं.
2023 में ललन सिंह से विवाद के बाद भी किया था सरेंडर....
बता दें, सितंबर 2023 में जेडीयू की बैठक में ललन सिंह और अशोक चौधरी के बीच जमकर बहसबाजी हुई थी. उसके बाद देश भर की मीडिया में जेडीयू में मचे घमासान की खूब चर्चा हुई। पांच दिनों तक इस मसले पर चुप्पी साधे रखने के बाद अशोक चौधरी ने मीडिया से कहा- ललन सिंह का आर्डर तो मेरे लिए सर्वोपरि है. वे कहेंगे कि लेफ्ट जाओ तो लेफ्ट जाऊंगा, वे कहेंगे कि राइट जाओ तो राइट जाऊंगा. अशोक चौधरी ने कहा, “ललन सिंह हमारे बड़े भाई है, हमारी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. ललन सिंह का आदेश हमारे लिए सर्वोपरि है. ललन सिंह अगर हमको कहेंगे कि लेफ्ट जाओ तो मैं लेफ्ट जाऊंगा, ललन सिंह कहेंगे की राइट जाओ तो राइट जाऊंगा. मेरा कहीं कोई विवाद नहीं है. क्यों विवाद होगा, मेरा उनसे पारिवारिक संबंध है. मेरा क्यों विवाद होगा उनसे.”
जाति की बात करने वाले किसी के हितैषी नहीं.....
नीतीश कैबिनेट के मंत्री अशोक चौधरी द्वारा भूमिहार समाज को लेकर दिए बयान पर डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा की प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी का बयान हमने नहीं सुना है. लेकिन भूमिहार एक जाति नहीं, एक कल्चर है. यह कल्चर भूमि से जुड़ने का, जमीन पर रहने का है. जमीनी हकीकत जानने की ताकत आज भी किसी को है जो जमीन से जुड़ा है, उसी को है. जाति की बात करने वाले, जाति की राजनीति करने वाले न जमात के हितैषी हैं और ना राष्ट्र के हितैषी हैं. इस तरह की मानसिकता पढ़ा-लिखा व्यक्ति नहीं रख सकता है. सबकी एक ही जाती है वो है मानव जाति .मानवता की रक्षा के लिए सबको मिलकर काम करना चाहिए. सबका सम्मान करना चाहिए.
मांझी ने चौधरी को दी नसीहत
आने वाले दिनों में बिहार की चार विधानसभा सीटों पर उप चुनाव होने वाले हैं. इनमें दो सीटें तो जहानाबाद के पड़ोसी जिला गया में ही है. बेलागंज और इमामगंज के अलावे तरारी और रामगढ़ सीट पर उप चुनाव होने हैं. अशोक चौधरी के बयान से भूमिहार समाज काफी नाराज है. यह वर्ग एनडीए खासकर भाजपा का कोर वोटर माना जाता है. बेलागंज जेडीयू के खाते में है वहीं, जीतनराम मांझी के सांसद चुने जाने की वजह से खाली हुई इमामगंज सीट HAM के पास ही रहेगी. ऐसे में गया की दोनों सीटें एनडीए के कोटे में है. अशोक चौधरी के बयान से भूमिहार वोटर जेडीयू प्रत्याशी को सबक सीखाने की तैयारी में है. साइड इफेक्ट इमामगंज सीट पर भी पड़ जाए, इससे इनकार नहीं किया जा सकता. 2020 के विधानसभा चुनाव में बेलागंज सीट से राजद प्रत्याशी सुरेन्द्र प्रसाद यादव ने जेडीयू प्रत्याशी अभय कुशवाहा को 23963 मतों से पराजित किया था. वहीं, इमामगंज सीट से हम प्रत्याशी जीतनराम मांझी ने राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी को 16034 मतों से पराजित किया था. यह स्थिति तब थी जब भाजपा कोर वोटर भूमिहारों ने बेलागंज में जेडीयू प्रत्याशी और इमामगंज में हम उम्मीदवार को वोट किया था. अगर इस बार के चुनाव में भूमिहारों ने जेडीयू प्रत्याशी को गच्चा दिया,तब क्या स्थिति होगी, अंदाजा लगाया जा सकता है. हालांकि जीतन राम मांझी संभावित खतरे को भांप गए हैं. लिहाजा अशोक चौधरी के बयान पर गहरी नाराजगी दर्ज की है. उन्होंने अशोक चौधरी को नसीहत दी और कहा कि किसी जाति विशेष पर बोलने से पहले सोच-समझ कर बोलना चाहिए। उनके बयान का समर्थन नहीं किया जा सकता है. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजनीति में जाति पर बोलने से परहेज करें.
बता दें, मंत्री अशोक चौधरी ने जहानाबाद में आयोजित सार्वजनिक कार्यक्रम में भूमिहारों को खुल्लम खुल्ला धमकाया. नीतीश कुमार की नीतियों के खिलाफ जाकर मंत्री ने खूब कास्ट पॉलिटिक्स की. भूमिहारों को धमकाने के अंदाज में कहा, ऐसे में नहीं मिलेगा विस का टिकट, आपलोगाें का कोई उसूल नहीं. इतना ही नहीं भूमिहारों के खिलाफ अति पिछड़ों को भी उकसाने की कोशिश की. नीतीश कुमार के बेहद करीबी मंत्री ने भूमिहार समाज पर अपना पूरा गुस्सा उतार दिया. अशोक चौधरी के बयान के बाद न सिर्फ जहानाबाद बल्कि बिहार की राजनीति में भूचाल आ गया है. भूमिहारों के खिलाफ दिए बयान के बाद जेडीयू के अंदर ही वे घिरते दिख रहे हैं. पार्टी के मुख्य प्रवक्ता व विधान पार्षद नीरज कुमार ने अशोक चौधरी के खिलाफ जमकर प्रहार किया. उन्होंने कहा कि जेडीयू के निर्माण में अशोक चौधरी की कोई भूमिका नहीं है.
जेडीयू के निर्माण में अशोक चौधरी की क्या भूमिका है ?
जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने मंत्री अशोक चौधरी से पूछा कि आप लोक सभा चुनाव में कटिहार संसदीय क्षेत्र के प्रभारी थे. वहां कितने दिन चुनाव प्रचार शामिल हुए ,जेडीयू वहां से भी चुनाव हार गई .उन्होंने कहा कि अशोक चौधरी की पार्टी के निर्माण में कोई भूमिका नहीं है. जेडीयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने अशोक चौधरी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी और नीतीश कुमार के नीति के विपरीत बयान दिया है. जेडीयू में टिकट के लिए परिवार को प्राथमिकता नहीं मिलती है . कोई किसी को टिकट नहीं दिला सकता है. टिकट सीएम नीतीश कुमार तय करेंगे.उन्होंने कहा कि कोई उप चुनाव प्रभावित करना चाहेगा तो हम लोग यह होने नही देंगे. मगध के लोगो का भरोसा नीतीश कुमार से रहा है