CHHAPRA : अब तक अपनी सरकार को किसी घोटाले में नहीं फंसने और जीरो टॉलरेंस की नीति का दावा करनेवाले सीएम नीतीश कुमार के जदयू के एमएलसी पर बड़े घोटाले का आरोप लगा है। जिसमें निगरानी कोर्ट में चार्जशीट दायर कर दिया गया है।
मामला जयप्रकाश यूनिवर्सिटी छपरा से जुड़ा है। जिसमें जदयू के एमएलसी वीरेंद यादव बुरी तरह से फंस गए हैं। जेडीयू एमएलसी पर छपरा यूनिवर्सिटी में पदाधिकारी रहते हुए रजिस्ट्रेशन घोटाले का आरोप है। इस मामले में एमएलसी समेत सभी आरोपियों के खिलाफ विजिलेंस जांच चल रही है।
स्वीकृत सीट से ढाई गुना ज्यादा का किया पंजीयन
वीरेंद्र यादव जयप्रकाश विश्वविद्यालय छपरा में डीएसडब्ल्यू यानी छात्र कल्याण विभाग के अध्यक्ष थे। विश्वविद्यालय के देवराहा बाबा डिग्री कॉलेज में सत्र 2012 -15 मई स्नातक की पढ़ाई के लिए 678 सीट स्वीकृत किए गए थे । इनकी देखरेख में कॉलेज से 1723 छात्रों का रजिस्ट्रेशन किया गया। छात्रों के रजिस्ट्रेशन में स्वीकृत सीट दोगुने से अधिक छात्रों का पंजीयन कर दिया गया।
पंजीयन से अधिक छात्रों ने दी परीक्षा
इतना ही नहीं उस सत्र में कुल 2370 छात्रों ने परीक्षा दी जिनमें से सैकड़ों छात्र अवैध थे। मामला उजागर होने पर निगरानी में केस दर्ज किया गया। मामला दर्ज होने के बाद जांच में विजिलेंस टीम सुस्त पड़ गई थी। लेकिन, हाई कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद विजिलेंस जांच तेज कर दी गई है। कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए जांच कर रही निगरानी टीम ने विजिलेंस कोर्ट में मामले में चार्जशीट दायर कर दिया है।
इस कांड में 7 अभियुक्तों को क्लीन चिट दी गई है। एमएलसी समेत अन्य 4 अभियुक्तों को दोषी मानते हुए अब अभियोग पत्र दाखिल कर दिया गया है। निगरानी कोर्ट में मामले की सुनवाई होगी।