PATNA: बीजेपी एमएलए का कोटा से बेटा लाने के लिए पास जारी करने का मामला सामने आने के बाद सीएम नीतीश पर चौतरफा वार शुरू हो गया है।पूरे मामले में सत्ताधारी जेडीयू बैकफूट पर है।
राजद ने सीएम नीतीश सवाल पूछा है कि क्या आम और खास के लिए कानून अलग-अलग है? राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने बिहार सरकार पर अटैक करते हुए कहा है कि आम और खास लोगों के लिए लॉक डाउन का अलग-अलग कानून नहीं हो सकता है .वीआईपी और रसूखदार परिवार के बच्चों को कोटा से घर लाने की इजाजत सरकार दे रही है.लेकिन गरीब परिवार के हजारो बच्चे कोटा में फंसे हुए हैं उनकी चिंता सरकार को नहीं है .
राजद प्रवक्ता ने नीतीश सरकार की नियत पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर उनको लाने की बात हम लोग कर रहे हैं तो सरकार लॉकडाउन के नियम और कानून का पाठ पढ़ा रही है. उन्होंने मांग किया कि जो भी बच्चे बाहर फंसे हुए हैं उनको अपने संसाधनों का उपयोग करके उनके घर तक पहुंचाने की व्यवस्था सुनिश्चित होनी चाहिए।
नीतीश जी कहते रह गए और उन्हीं के अधिकारी ने दे दिया परमिशन
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कहते रह गए और बीजेपी के विधायक ने बजाप्ता बिहार सरकार से परमिशन लेकर कोटा में फंसे अपने बेटे को लेकर वापस पटना पहुंच गए हैं. हिसुआ से भाजपा विधायक अनिल सिंह लॉक डाउन में नवादा जिला प्रशासन की अनुमति से अपने बेटे और उसके दोस्त को वापस लेकर पटना आए हैं .
नवादा सदर के अनुमंडल अधिकारी के आदेश से विधायक अनिल सिंह 16 अप्रैल से लेकर 25 अप्रैल तक प्रतिबंधित अवधि में कोटा में फंसे पुत्र को लाने को लेकर आदेश लिया था.सदर एसडीओ के आदेश में लिखा गया है कि विधायक अनिल सिंह के वाहन परिचालन की अनुमति लोगों के जानमाल की रक्षा हेतु इस शर्त के साथ आदेश दिया जाता है कि, कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन नवादा के द्वारा जारी निर्देश का अक्षरशःअनुपालन करेंगे.इसके साथ हीं सभी व्यक्ति को मास्क लगाना अति आवश्यक है.
अनुमति पत्र वाहन के विडों पर लगाना अनिवार्य किया गया है. अगर इन कार्यों के अलावा अन्य कार्य में वाहन लगा हुआ तो उसे जब्त कर कानूनी कार्रवाई की जाएगी