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CM नीतीश की पिट गई भद्द ! बजट में 'स्पेशल स्टेटस' की बात नहीं वाले ट्वीट पर 90 % यूजर्स ने की खिंचाई, पूछा- 'पाकिस्तान' की तरह हमेशा 'कटोरा' साथ लेकर ही चलते हैं ?

CM नीतीश की पिट गई भद्द ! बजट में 'स्पेशल स्टेटस' की बात नहीं वाले ट्वीट पर 90 % यूजर्स ने की खिंचाई, पूछा- 'पाकिस्तान' की तरह हमेशा 'कटोरा' साथ लेकर ही चलते हैं ?

PATNA: मोदी सरकार की आम बजट पर बिहार के मुख्यमंत्री ने करीब 11 घंटे बाद अपनी प्रतिक्रिया दी. बजट भाषण के बाद सीएम नीतीश से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि हमें इस बारे में कोई जानकारी ही नहीं. बजट भाषण हमने न देखा और सुना. ऐसे में हमें कोई जानकारी ही नहीं है. बजट पर बोलने में मुख्यमंत्री को 11 घंटे से अधिक का वक्त लगा. रात 10 बजे उन्होंने धड़ाधड़ 7 ट्वीट कर बजट को घोर निराशाजनक बता दिया. इतना ही नहीं नीतीश कुमार ने कहा कि हर साल बजट की प्राथमिकताएँ बदल दी जाती हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया में जमकर मजाक उड़ाई जा रही है. नीतीश कुमार के ट्वीट पर अधिकांश लोगों की प्रतिक्रिया इनके खिलाफ ही है. अधिकांश लोग मुख्यमंत्री लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अपनी भड़ास निकाली है. सीएम नीतीश के ट्वीट के जवाब में जितने लोगों ने प्रतिक्रिया दी उनमें 90 फीसदी लोगों ने तंज ही कसा है. 

मुख्यमंत्री ने क्या कहा......

मुख्यमंत्री ने पहले ट्वीट में लिखा,'' केन्द्र सरकार द्वारा पेश किया गया आम बजट निराशाजनक है। इसमें दूरदृष्टि का अभाव है। हर वर्ष बजट की प्राथमिकताएं बदल दी जाती हैं, जो फोकस और निधि के अभाव में पूरी नहीं हो पा रही हैं'' आगे लिखते हैं कि बिहार को इस बजट से निराशा हाथ लगी है और एक बार फिर विशेष राज्य का दर्जा देने की मॉग की अनदेखी की गयी है। समावेशी विकास का सपना बिहार जैसे राज्यों को आगे बढ़ाये बिना संभव नहीं है। समावेशी विकास के तहत बिहार सरकार ने केन्द्रीय बजट (2023-24) में वित्त मंत्रियों की बैठक में राज्य के लिए 20,000 करोड़ रूपये के स्पेशल पैकेज की मांग की थी जिसे बजट में नहीं दिया गया है। युवाओं के लिये रोजगार सृजन को लेकर बजट में कोई खाका दिखाई नहीं दे रहा है. राज्यों की वित्तीय स्थिति को नजरअंदाज किया गया है। राज्य सरकार की ऋण सीमा में वर्ष 2023-24 में कोई छूट नहीं दी गई है। बिहार सरकार ने अपने ज्ञापन में इसे 4.5 प्रतिशत (4% एवं 0.5% सशर्त) तक रखने का आग्रह किया था जो पिछड़े राज्यों के विकास में तथा नए रोजगार सृजन में लाभप्रद होता। केन्द्रीय बजट में भारत सरकार ने सात प्राथमिकताओं (सप्तऋषि) का निर्धारण किया है। यह योजना केन्द्र सरकार की पूर्व से चल रही योजनाओं की केवल री-पैकेजिंग है। बिहार सरकार वर्ष 2016 से ही सात निश्चय-1 एवं वर्ष 2021 से सात निश्चय-2 के अन्तर्गत नई योजनाओं को सफलता से क्रियान्वित कर रही है। इस तरह से मुख्यमंत्री ने सात ट्वीट कर केंद्रीय बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी.

ट्वीट कर ट्रोल हुए नीतीश, यूजर्स ने की खिंचाई 

मुख्यमंत्री के ट्वीट के बाद सबसे पहले आशीष रंजन सिंह ने अपनी प्रतिक्रिया दी. वे नीतीश कुमार को टैग कर लिखते हैं,'' बहुत देर कर दी हुजूर आते आते''. धीरज कुमार लिखते हैं,'' इतना तो पता है कि नीतीश चा को ट्वीट करने नहीं आता है, जो भी चेला लिख रहे हो थोड़ा उनको कह देना कि आरसीपी चा के चरणों में गिरकर भी मना लें''। चंदन नाम के यूजर ने लिखा है,'' श्रीमान, आपके सरकारी भागीदार और आपने मिलकर करीब 30 वर्षो तक एकक्षत्र राज किया, लेकिन आप "किस्सा कुर्सी का खेल खेलते रहें"l ना सुशासन, ना विकास, सिर्फ विशेष राज्य की माँग, भ्रष्टाचार और बिहार की जनता के सामने victim card खेलते रहे l अन्ततोगत्वा विनाश तय है. बिंदिया ठाकुर ने तंज कसा है.. चोर सरदार के साथ आपने गठबंधन कर लिया आने वाले चुनाव में बिहार के जनता आपको बता देगी. अगले यूजर प्रशांत कुशवाहा ने लिखा, ''दूरदृष्टी का अभाव तो आपके शराब बंदी कानून में है। (1) शराबबंदी के कारण बड़े बड़े  इंजीनियर लोग इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने नहीं आते कारण उन्हें हर रोज शराब चाहिए.  (2) बिहार में पर्यटक ज्यादा देर तक नहीं  ठहर पाते जिसके कारण विदेशी मुद्रा भंडार पड़ोसी राज्यों में चला जाता है। अभिनव शंकर लिखते हैं कि इस बात पे एक मानव श्रृंखला तो बनता है।

पाकिस्तान की तरह हमेशा कटोरा ही लेकर चलते हैं? 

एस. सिंह नाम के एक यूजर ने मुख्यमंत्री पर बड़ा तंज कसते हुए लिखा है.'' 17 साल तक बिहार की गद्दी संभाले, फिर भी ऐसा कुछ नहीं कर पाए, ताकि बिहार अपने दम पर विकाश करे.यह केवल पाकिस्तान की तरह हमेशा कटोरा ही लेकर चल देते हैं.


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