बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

अफसरों के भरोसे CM ? बिना मंत्री के ही मुख्यमंत्री ने लोहिया पथ चक्र का किया निरीक्षण, नीतीश कुमार के साथ नहीं दिखे तेजस्वी

अफसरों के भरोसे CM ?  बिना मंत्री के ही मुख्यमंत्री ने लोहिया पथ चक्र का किया निरीक्षण, नीतीश कुमार के साथ नहीं दिखे तेजस्वी

PATNA: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बार-बार यह आरोप लगता है कि वे मंत्रियों की वैल्यू नहीं देते. उनके अगल-बगल अफसर या कुछ खास मंत्री ही होते हैं. न सिर्फ विपक्ष बल्कि दल के अंदर से भी बार-बार यह सवाल उठता है कि नीतीश राज में सिर्फ अफसरों का वैल्यू है. उपेन्द्र कुशवाहा ने भी आज फिर से यही सवाल खड़ा किया है कि मंत्रियों की कोई चलती ही नहीं. सरकार में उनकी कोई पूछ नहीं. मुख्यमंत्री सिर्फ अफसरों पर भरोसा करते हैं. पटना में लोहिया पथ चक्र के दौरान वो तस्वीर दिखी जहां बिना विभागीय मंत्री के नीतीश कुमार लोहिया पथ चक्र का निरीक्षण करते देखे गए. मुख्यमंत्री के साथ दूसरे विभाग के दो मंत्री और संबंधित विभाग के अपर मुख्य सचिव से लेकर अन्य अधिकारी मौजूद रहे,लेकिन विभागीय मंत्री सह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव नहीं दिखे.

सीएम नीतीश के साथ नहीं दिखे विभागीय मंत्री तेजस्वी यादव  

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आज बेली रोड पर बन रहे लोहिया पथ चक्र का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान वित्त मंत्री विजय चौधरी व भवन निर्माण विभाग के मंत्री अशोक चौधरी भी मौजूद रहे. वहीं पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत भी वहां पर उपस्थित रहे. साथ ही अन्य अधिकारी व इंजीनियर थे. लेकिन सबसे चौंकाने वाली बात यह कि मुख्यमंत्री ने लोहिया पथ चक्र का निरीक्षण बिना विभागीय मंत्री के पूरी कर ली. पथ निर्माण विभाग के मंत्री सह डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव निरीक्षण के दौरान साथ नहीं दिखे. विभाग के अपर मुख्य सचिव ने निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री को सारी जानकारी दी. लोहिया पथ चक्र के निरीक्षण में विभागीय मंत्री का नहीं होना सवाल खड़े कर रहा है. जानकारी के अनुसार तेजस्वी यादव आज पटना में मौजूद हैं. लेकिन वे सीएम के निरीक्षण कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। 

बिना मंत्री नीतीश कुमार करते रहे हैं बैठक 

वैसे, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहले भी बिना मंत्रियों के विभागीय बैठक कर चुके हैं. हाल ही में चतुर्थ कृषि रोड मैप की समीक्षा के दौरान कृषि व सहकारिता विभाग के मंत्री मौजूद नहीं थे. बिना विभाग के मंत्री के ही नीतीश कुमार ने अधिकारियों के साथ बैठक की थी. 

कुशवाहा ने सीएम नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा कि बिहार में मंत्रियों की क्या हैसियत है. मंत्रियों का अधिकार क्या है आप लोग जान ही रहे हैं. मंत्री जी की कितनी चलती है ? अधिकारी लोग ही विभाग चलाते हैं.मंत्रियों का कोई वैल्यू नहीं है. कुछ समय पहले अति पिछड़ा समाज के एक मंत्री ने इज्जत नहीं मिलने पर इस्तीफा देने तक की बात कर दी थी. उस समय विभाग में तबादला का मामला था. उनकी बात नहीं सुनी गई थी. विवश होकर उन्होंने इस्तीफे का ऐलान कर दिया था. उन्होंने कहा कि मंत्री के रूप में लीडरशिप नहीं ऊभर रहा या उभरने नहीं दिया जा रहा है. लगता है कि अति पिछड़ा समाज के जो मंत्री हैं उन पर मुख्यमंत्री जी को भरोसा नहीं है. ऐसे में जिसके ऊपर भरोसा हो उसी में से किसी एक व्यक्ति को राज्यसभा की सदस्यता या विधान परिषद की सदस्यता दे दें. और पार्टी के मुख्य रोल में रखें. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. बता दें, 2021 में मंत्री मदन सहनी ने अपने समाज कल्याण विभाग में स्थानांतरण वाली फाइल को प्रधान सचिव द्वारा दबाकर रखे जाने पर बिफऱ गए थे. उन्होंने सीधे इस्तीफे का ऐलान करते हुए मुख्यमंत्री के खिलाफ आरोपों की बौछार कर दी थी. कहा था कि नीतीश सरकार में मंत्रियों को चपरासी के बराबर भी वैल्यू नहीं.

Suggested News