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CM साहब...परिवहन विभाग की लापरवाही से 'अनफिट' गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही, 2 सालों में 187 करोड़ का नुकसान

CM साहब...परिवहन विभाग की लापरवाही से 'अनफिट' गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही, 2 सालों में 187 करोड़ का नुकसान

PATNA: कैग की रिपोर्ट नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खोल दी है। कई विभागों में बड़े स्तर पर गड़बड़ी के बाद सामने आई है। परिवहन विभाग में बड़े स्तर पर गड़बड़ी की बात सामने आई है। CAG रिपोर्ट में बताया गया है कि वाहनों का फिटनेस प्रमाण पत्र नवीनीकरण नहीं होने से 187.01 करोड़ का राजस्व सरकार को नहीं मिल सका।

रिपोर्ट में कहा गया है कि परिवहन वाहनों को तब तक अवैध रूप से पंजीकृत नहीं माना जाएगा जब तक कि वह फिटनेस प्रमाण पत्र नहीं दे देता है। एक नए पंजीकृत परिवहन वाहन के लिए फिटनेस प्रमाण पत्र 2 वर्षों के लिए वैध है। हल्के व तिपहिया वाहनों के लिए 400 रुपए और भारी वाहनों के लिए 600 रुपए परीक्षण शुल्क तय है। इसके अतिरिक्त सभी श्रेणी के वाहनों के लिए ₹200 का नवीनीकरण शुल्क है।


लेखा परीक्षा ने परिवहन वाहनों के संबंध में जांच किया और फिटनेस तालिका जांच की। जांच में 3 लाख 19 हजार 575 वाहनों का किया गया। इसमे से 91 हजार 808 वाहन बिना फिटनेस के जनवरी 2017 से जनवरी 2020 के बीच चलाये गए। हालांकि देय कर की वसूली की गई। फिटनेस की समाप्ति से संबंधित सूचना वाहन सॉफ्टवेयर में उपलब्ध था, लेकिन जिला परिवहन पदाधिकारी या MVI ने ना तो कोई कार्रवाई की और ना ही अयोग्य वाहनों को रोकने के लिए  सूची प्रस्तुत की गई। जिला परिवहन पदाधिकारी ने समय सीमा समाप्त हुए वाहनों के निबंधन परमिट रद्द करने की कार्रवाई शुरू की और न ही दोषी वाहन मालिकों को कोई सूचना भेजी। ऐसे वाहनों का चलना सार्वजनिक सुरक्षा के जोखिम से भरा हुआ है। परिवहन विभाग की इस लापरवाही भरे कदम से सरकार को 187.01 करोड़ (जिसमे 3.85 करोड़ परीक्षण,1.84 करोड़ नवीनीकरण और 181.32 करोड अतिरिक्त शुल्क) के राजस्व से वंचित होना पड़ा।

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