PATNA: बिहार में सरकारी कर्मियों को जबरिया रिटायरमेंट को लेकर सरकार एक बार फिर से सक्रिय हो गई है. सरकार ने सभी विभाग के प्रधान सचिव, डीजीपी, कमिश्नर एवं जिलों के डीएम को फिर से पत्र लिखा है . सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र में कहा गया है कि सरकारी कर्मियों के कार्यकलापों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया था. इस संबंध में सरकार ने 23 जुलाई 2020 को संकल्प जारी किया था. लेकिन अभी तक किसी विभाग से कमेटी बनाने के संबंध में रिपोर्ट नहीं मिला है।
जबरिया रिटारमेंट को लेकर विभाग नहीं दी रिपोर्ट
सामान्य प्रशासन विभाग के पत्र में कहा गया है कि सरकार के संकल्प में प्रावधान है कि 50 वर्ष की आयु के ऊपर के सरकारी सेवकों के कार्यकलाप की समीक्षा की जाएगी. इसके लिए कमेटी बनाने का निर्देश दिया गया था. भागलपुर एवं सारण जिला को छोड़कर समिति गठन किए जाने की सूचना सामान्य प्रशासन विभाग को नहीं मिली है. ऐसे में विभाग, प्रमंडल और जिला स्तर पर निर्धारित समिति गठित कर इसकी सूचना सरकार को दें.
जबरिया रिटायरमेंट को लेकर सक्रिय हुई सरकार
बिहार सरकार ने वैसे अक्षम कर्मियों को रिटायरमेंट की योजना बनाई थी. इस संबंध में 23 जुलाई 2020 को गजट प्रकाशित हुआ था.गजट में प्रावधान किया गया था कि वैसे सरकारी सेवक जिनकी उम्र 50 वर्ष से ज्यादा हो चुकी हो तथा उनमें कार्य करने की क्षमता और आचार ऐसा नहीं हो कि उन्हें सेवा में बनाए रखा जाए. ऐसे में उनके कार्यकलाप की समीक्षा के लिए कमेटी बनाई जाए. प्रावधान के तहत नियुक्ति की तारीख से सेवा 21 वर्ष और कुल सेवा के 25 वर्ष पूरे किए हैं को सेवानिवृत्त किया जा सकता है. यदि उनकी कार्य दक्षता या आचार ऐसा नहीं है जिनसे उसे सेवा में बनाए रखा जाना न्याय संगत हो, ऐसे में नियुक्ति प्राधिकारी किसी सरकारी सेवक को कम से कम 3 माह पूर्व लिखित सूचना अथवा 3 माह के वेतन-भत्ते की राशि देकर 30 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु प्राप्त कर लेने के बाद सरकारी सेवा से सेवानिवृत्त कर सकता है।