BUXER : खबर बक्सर जिले की है। जहां एक टीवी चैनल में काम करनेवाले पत्रकार ने फेसबुक लाइव आकर फांसी लगा ली। आत्महत्या करने से पहले उन्होंने अपनी जान देने की वजह भी बतायी, जो बेहद झकझोरनेवाली है। रविवार रात को करीब 9 मिनट के वीडियो में रघुनाथपुर गांव के वार्ड-1 निवासी हरि शेखर पाठक (42) ने अपनी आपबीती सुनाई और पहले अपने हाथ की नस काटी, फिर फंदे से लटक आत्महत्या कर ली।
अपनों की वजह लड़ाई हार गया हूं, अब हिम्मत नहीं बची
अपने वीडियो में उन्होंने बताया कि पत्नी से तलाक के बाद वे काफी परेशान थे। फेसबुक पर पहली बार लाइव आएं और 8 मिनट 55 सेकेंड के वीडियो में उन्होंने कहा कि मैं अपनी लाइफ से थक गया हूं, मैंने अपनी जिंदगी में बहुत स्ट्रगल किया, लेकिन अब हिम्मत नहीं है। अपनी लड़ाई अपनों की वजह से हार गया हूं। जो करने जा रहा हूं, अपनी इच्छा से कर रहा हूं। हालांकि, ये बुजदिली है, लेकिन मुझ में अब हिम्मत नहीं बची
लोकसभा चुनाव में भी रहा एक्टिव
हरि पाठक का पैतृक गांव बक्सर जिले के बगेन थाना क्षेत्र का कैथी है। पिछले एक दशक में उन्होंने अलग-अलग टीवी चैनलों में काम किया। उनकी पत्रकारिता आरा से शुरू हुई थी। लोकसभा चुनाव 2024 में भी खबरों को लेकर एक्टिव थे।
मुंबई की लड़की से किया प्रेम विवाह, एक बेटा
हरि पाठक पारिवारिक कलह से काफी परेशान थे। मुंबई की एक लड़की से लव मैरिज की थी। दोनों का एक पुत्र भी है, लेकिन पिछले दिनों पत्नी से तलाक हो गया था। अपने बेटे को लेकर काफी परेशान थे। मामला न्यायालय में चल रहा है।
पहली और अंतिम बार फेसबुक पर आए लाइव, कहा – आप लोग गवाह
पहले हरि ने सोशल मीडिया पर लाइव आकर अपनी पूरी दास्तान सुनाई है। उन्होंने वीडियो में कहा कि बहुत ज्यादा फ्रस्ट्रेशन में आ गया हूं, वैसे कहा जाता है कि फ्रस्ट्रेशन में आकर ऐसी हरकत करना बुजदिली होती है। आप देख लीजिए और रिकॉर्ड कर लीजिए, इस वक्त अपने रघुनाथपुर स्थित घर पर हूं। लाइफ में पहली बार फेसबुक पर लाइव आ रहा हूं, क्योंकि यह चीज आप लोगों को देखना जरूरी है। गवाह सिर्फ आप लोग ही रहेंगे।
अपनों से कभी जंग नहीं होती
वीडियो में आगे कहा कि सभी मित्रों से अनुरोध है कि सबूत के तौर पर रिकॉर्ड कर लें। किसी व्यक्ति विशेष को हानि नहीं पहुंचेगी। मैं अपने लाइफ में बहुत ही स्ट्रांग हूं, हर एक मुश्किलों से लड़ा हूं। आज मुझे ऐसा लग रहा है कि अपनी लड़ाई अपनों की वजह से हार गया हूं। आप सारी जंग जीत लीजिएगा, लेकिन अपनों से आप कभी जंग नहीं जीत पाएंगे। मुझे लगता है कि अपनों से जंग होती ही नहीं है। लेकिन अपने ही जंग पर जब उतारू हो जाए, एक अलग बात होती है। मैं किसी व्यक्ति पर कोई आरोप नहीं लग रहा हूं। जो भी करूंगा मैं अपनी इच्छा से करूंगा।
जमीन विवाद में जेल भी गए थे, बाहर आने पर लकवा के हुए शिकार
पुलिस ने बक्सर सदर अस्पताल में पोस्टमॉर्टम करवाया। हरि अपने तीन भाई रवि शेखर पाठक, शशि शेखर पाठक और कवि शेखर पाठक और एक बहन चंदा देवी से छोटे थे। बताया जाता है कि हाल में एक जमीनी विवाद में गोलीबारी के आरोप में उन्हें और उनके पिता को जेल भेजा गया था। जेल से बेल पर बाहर आने के बाद काफी परेशान थे। इसी दौरान हरि पैरालिसिस का शिकार हो गए थे।
घर में मौजूद पिता ने नहीं लगी बेटे की खबर
जब हरि लाइव पर थे तब उनके दोस्त और करीबियों ने उनके मोबाइल पर काफी फोन किया। पर हरि ने फोन रिसीव नहीं किया, इसके बाद उनके पिताजी के मोबाइल पर फोन कर पूरी घटना की जानकारी दी गई। जब तक उसके पिता दरवाजे को तोड़कर अंदर घुसे, तबतक उनकी जान चली गई थी। इस घटना के बाद परिजनों ने पूरी घटना की जानकारी स्थानीय थाना को दी।