GONDA : उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात जिले में भोगनीपुर तहसील के मदनपुर गांव से एक अजब गज़ब मामला सामने आया है. इस क्षेत्र में बारिश ना होने से परेशान एक युवक ने भगवान के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है. मामला उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले का है. इस मौसम में बारिश नहीं होने से क्षेत्र के निवासी सुमित कुमार यादव काफ़ी परेशान हैं. इससे धान की बुवाई में देरी हो रही है और उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए सुमित कुमार यादव ने तहसीलदार के पास बर्षा के देवता भगवान इंद्र के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई है और उचित कार्रवाई की मांग भी की है. तहसीलदार ने आश्चर्यजनक कदम उठाते हुए वरिष्ठ अधिकारियों को शिकायत पर 'उचित कार्रवाई' करने के आदेश दिए हैं. इससे भी बढ़कर हुआ यह कि पूर्ण समाधान दिवस पर तहसीलदार साहब ने उसे मंजूर कर कार्रवाई के लिए आगे भी बढ़ा दिया. बारिश का तो पता नहीं लेकिन जिलाधिकारी ने आदेश देने वाले तहसीलदार के खिलाफ जांच का आदेश दे दिया है.
महिलाओं ने वर्षा के देवता भगवान इंद्र का आशीर्वाद लेने के लिए पूजा किया. महिलाओं ने 'भौरी' की रस्म भी निभाई. इस रस्म में वे रसोई के विभिन्न उपकरण ले जाती हैं और मंदिरों में पूजा-अर्चना करती हैं. एक स्थानीय ज्योतिषी अवनीश दुबे के अनुसार, "आधुनिक युग में इस तरह के पूजा पाठ को लोग अंधविश्वास मानते है, लेकिन यहां यह एक लोकप्रिय धारणा है कि यदि महिलाएं खेतों में बैल और हल की जगह लेती हैं, तो वर्षा के देवता प्रचुर मात्रा में बारिश करते हैं.
ये रस्म प्राचीन काल से मिथिला विदेह राजा जनक के समय से प्रचलित है. एक बार राज्य में जब सूखा पड़ा, तो प्रजा अपनी समस्याओं के समाधान के लिए राजा जनक के पास गए. राजा जनक ने प्रजा के कठिनाइयों को दूर करने के लिए अपने शाही महल के सभी पुजारियों से कुछ समाधान निकालने के लिए कहा. एक पुजारी के सुझाव से राजा जनक वर्षा के देवता इंद्र को प्रसन्न करने के लिए को खुद बंजर भूमि की जुताई करने लगे. खेत की जुताई के दौरान ही बहुत तेज बारिश होने लगी. तभी से इस रस्म की मान्यता है.