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नवादा के खनवां में उद्घाटन के बाद भी अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी नदारत

नवादा के खनवां में उद्घाटन के बाद भी अस्पताल में डॉक्टर और कर्मचारी नदारत

नवादा : जिले के नरहट थाना इलाके के खनवां गांव में करीब तीन करोड़ की लागत से एक वर्ष पूर्व बनकर तैयार 30 बेड का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन खनवां हाथी का दांत बना है. करीब 16 माह पूर्व भवन का उद्घाटन हो गया लेकिन चिकित्सक व स्वास्थ्यकर्मियों के आने का इंतजार ग्रामीणों को अब भी है. देख रेख के आभाव में खिड़की दरवाजे टूटने लगे हैं.

खनवां को आदर्श ग्राम का दर्जा है. इस गांव से जुड़ी बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री की यादें है. बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ. श्री कृष्ण सिंह का ननिहाल और जन्मस्थली भी है. 

सीएम के पहल पर बना भवन

करीब 5 वर्ष पूर्व श्रीबाबू की पुण्यतिथि के अवसर पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खनवां पहुंचे थे। उन्होंने श्रीबाबू की याद में खनवां में सुपर पावर ग्रिड, पोलटेक्निक कॉलेज और आम लोगों की स्वास्थ्य सुविधा के लिए एक 30 बेड का अस्पताल की घोषणा की थी। घोषणा के बाद पॉवर ग्रिड, पोलटेक्निक कॉलेज पूरी तरह बनकर तैयार और कार्य करना प्रारंभ कर दिया है। लेकिन करोड़ों की लागत से पूरी तरह बनकर तैयार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अस्पताल विभागीय उदासीनता के कारण शोभा की वस्तु बना है। एक वर्ष पूर्व बन कर तैयार यह भवन रख रखाव के अभाव में टूटने फूटने लगा है।

नाराज ग्रामीणों ने शिलापट्ट लगाने से रोका

ग्रामीण परमानंद भास्कर ने बताया कि करोड़ों रुपये खर्च के बाद भी यह अस्पताल हाथी का दांत साबित हो रहा है। आजतक इस अस्पताल में न तो कोई डॉक्टर आए और न ही कोई स्वास्थ्य कर्मी। रख रखाव के अभाव में भवन का दरवाजा व खिड़की का शीशा भी टूटने लगा है। उन्होंने बताया कि पूर्व में विभाग के लोग एक बोर्ड लेकर आए थे। उसको अस्पताल में लगा रहे थे। जिसको गांव के लोगों नें नहीं लगाने दिया। उस बोर्ड में बिहार चिकित्सा सेवाएं एवं आधार भूत संरचना निगम लिमिटेड पटना स्वास्थ्य विभाग का उपक्रम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र खनवां लिखा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा 10-10-17 को उद्घाटन की बात लिखा हुआ है। इस शिलापट्ट पर कई माननीय का नाम भी लिखा है। लेकिन हकीकत कुछ और है।

स्थापना को लेकर फंसा है पेंच

जानकार बताते हैं कि मुख्यमंत्री के निर्देश के आलोक में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बना दिया गया। लेकिन जब चिकित्सक व कर्मियों की पदस्थापन की बारी आई तो विभाग ने आपत्ति जता दी। दरअसल, खनवां नरहट प्रखंड का एक गांव है। नरहट में पूर्व से ही प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित था। कुछ वर्ष पूर्व उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का दर्जा दे दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के वरीय अधिकारियों का कहना है कि एक प्रखंड में दो सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र नहीं हो सकता। जैसे ही चिकित्सक व कर्मियों के लिय पद सृजन व पदस्थापन की बारी आई, विभाग ने हाथ खड़ा कर लिया। अब बड़ा सवाल है कि इस अस्पताल भवन को किस रूप में उपयोग में लाया जाए। इस बावत पूछे जाने पर सिविल सर्जन से लेकर तमाम अधिकारी गोल-मोल जवाब देते हैं।

सार्वजनिक शौचालय नहीं रहने से परेशानी

श्री बाबू की जन्मस्थली खनवां में सार्वजनिक शौचालय एवं यात्री शेड नही रहने के कारण बाहर से आने वाले आगन्तुको को परेसानी का सामना करना पड़ता है। खनवां में श्री बाबू का गर्भगृह, श्री बाबू का आदमकद प्रतिमा स्थल, सुपर पावर ग्रिड, पॉलिटेक्निक कॉलेज, सांसद आदर्श ग्राम के बाद खनवां में भारतीय हरित खादी ग्रामोदय संस्थान के द्वारा सोलर चरखा प्रक्षिक्षण एंड प्रोडक्शन केंद्र समेत कई उद्योग धंधे लगाए गए हैं। इस कारण खनवां में बाहरी लोगों का बराबर आना जाना लगा रहता है। सार्वजनिक शौचालय नहीं रहने के कारण लोगों को परेशानी होती है।


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