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स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखा रहा बिहार का यह स्कूल

स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखा रहा बिहार का यह स्कूल

MUNGER : बिहार के मुंगेर में एक ऐसा स्कूल है जो स्वच्छ भारत अभियान को मुंह चिढ़ाता दिखाई देता है.  नगर निगम के नाले के डम्पिंग यार्ड पर बना   कटघर प्राथमिक विद्यालय के परिषर में वर्षों जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. नाले के पानी के साथ बह कर आए हुआ कचरे से वहां के स्टूडेंट्स के साथ ही साथ टीचर भी परेशान हैं.  इसी गंदगी के बीच बच्चे नाक पर रूमाल रख कर पढ़ने एवं मध्याह्न भोजन खाने को विवश है. शिकायत करने के बावजूद नगर निगम प्रशासन लापरवाह बना हुआ है. स्थिति ऐसी है कि यहां पढ़ने वाले बच्चों के लिए जल जमाव एवं कचड़ा से निकल रही बदबू महामारी का कारण बन सकती है.   

जिला मुख्यालय से महज एक किलोमीटर के अंदर रहे प्राथमिक विद्यालय कटघर की स्थिति दिन-प्रतिदिन बिगड़ती जा रही है. इस विद्यालय में वर्ग एक से पांच तक में कुल 57 गरीब बच्चे नामांकित है. जो जलजमाव व कचड़ा से उठ रही बदबू से परेशान है. विदित हो कि मुहल्ला का दो दो नाला इसी विद्यालय परिसर में खत्म हो जाता है. जिसके कारण मुहल्ले की गंदगी इसी विद्यालय परिसर में नाले के माध्यम से बहकर जमा हो जाती है. सालो भर यहां जलजमाव की स्थिति बन गयी है. परिसर के जिस भाग में जलजमाव होता है. वहां की मिट्टी दलदल हो गयी है. जबकि नाला से आने वाला कचड़ा परिसर में जमा रहता है. नाले  का पानी जमा होने के कारण विद्यालय परिसर के कोने में बना शौचालय भी बेकार हो गया है. शौचालय का सीट धंस गया है, वहीं दीवार भी क्षतिग्रस्त होने की स्थिति में है. ऐसी बात नहीं है कि नालों की सफाई नहीं होती है. नगर निगम प्रशासन द्वारा सफाईकर्मी यहां आते है और नाले की सफाई कर उसका कचड़ा परिसर में ही छोड़ देते है. विद्यालय परिसर में जमा गंदा पानी एवं कचड़ा स्वच्छ भारत अभियान को ठेंगा दिखा रहा है. 

' डीएम अंकल इस गंदगी से निजात दिला दिजिए'

ये कहना है तीसरी क्लास की छात्रा संजना कुमारी सहित अन्य बच्चों का. उन्होंने बताया कि स्थिति देखने से ही आपको पता चल गया होगा कि हमलोग किस तरह यहां पढ़ाई करते है. परिसर में हमलोग खेलते है. लेकिन नाला का पानी सहित कचरा प्रांगण में जम जाता है. खेलने के लिए अब जगह भी नहीं बचा है. इतना ही नहीं बदबू के कारण दम घूटता है. नाक पर रूमाल रखकर पढ़ाई करते है. सबसे अधिक परेशानी खाना खाने के समय होता है. बदबू के बीच हम खाना खाने को विवश है.

 

 विद्यालय की ये स्थिति उसके स्थापना काल से ऐसी बनी हुयी गई. गंदगी के कारण  इस विधालय में लोग अपने बच्चे को पढ़ने नहीं भेजना चाहते है.  विद्यालय के प्रधानाध्यापक कौशल किशोर, मुहल्लेवासी  सहित अन्य ने बताया कई बार निगर निगम प्रशासन को इस समस्या से निजात दिलाने के लिए लिखा. लेकिन आज तक इसका निदान नहीं निकला. नगर निगम प्रशासन कहता है कि विद्यालय के दूसरे तरफ जिसकी जमीन है वह उधर नाला खोलने देने को तैयार नहीं है. जबकि मुहल्लेवालों का कहना है कि अगर नाला नहीं खुला तो साल भर में विद्यालय जाने लायक स्थिति में नहीं बचेगा। 

विद्यालय के अंदर से बह रहे नाले से उठने वाले दुर्गंध से निजात दिलाने तथा बच्चों के हेल्थ पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव को लेकर विद्यालय के प्रधानाध्यापक कौशल किशोर ने नगर निगम को आवेदन दिया था। इसके आलोक में मेयर रुमा राज मंगलवार को विद्यालय पहुंची तथा वहां की वस्तुस्थिति का जायजा जिया। इसके बाद मेयर ने कहा कि स्थानीय ग्रामीणों के घर से निकलने वाले पानी का निकास विद्यालय परिसर के अंदर से होता है। यह उचित प्रतीत नहीं होता है। मुझे इसकी जानकारी नहीं थी। जानकारी मिलने के बाद मैं स्वयं इसे देखने आई हूं। अपने स्तर से इसके समाधान का प्रयास किया जाएगा तथा निगम बोर्ड से नाला के लिए प्रस्ताव पारित कर दूसरे तरफ से नाला बनाया जाएगा।

(मुंगेर से प्रशांत की रिपोर्ट)

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