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बिहार में नए प्रदेश अध्यक्ष मिलते ही कांग्रेस ने बदले तेवर - लोकसभा चुनाव से पहले ही जदयू और राजद से मांगने लगे अपने लिए बराबरी का हक

बिहार में नए प्रदेश अध्यक्ष मिलते ही कांग्रेस ने बदले तेवर - लोकसभा चुनाव से पहले ही जदयू और राजद से मांगने लगे अपने लिए बराबरी का हक

PATNA : बिहार की राजनीति में बीते रविवार को पटना में दो बड़े कार्यक्रम हुए। जहां एक तरफ जदयू का खुला अधिवेशन आयोजित किया गया, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के नए प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह का पटना में जोरदार स्वागत किया गया। दोनों कार्यक्रम अलग अलग जरुर थे, लेकिन दोनों जगह लक्ष्य सिर्फ आगामी 2024 के लोकसभा चुनाव पर ही था। जहां एक तरफ जदयू के अधिवेशन में खुले मंच से नीतीश कुमार के नेतृत्व में लोकसभा चुनाव में भाजपा को हराने की घोषणा हो रही थी, खुद नीतीश कुमार ने यह कहा कि सभी दल साथ आएंगे, तभी केंद्र से भाजपा को दूर भगाया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ इसके विपरीत  बापू सभागार में  कांग्रेस राजद और जदयू से बिहार में अपने लिए बराबरी का हक मांग रही थी। बिहार कांग्रेस का अध्यक्ष बनने के बाद पहली यात्रा पर पदभार ग्रहण करने आए डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने अपने तेवर से बता दिया है कि उनकी पार्टी आने वाले समय में बिहार में आक्रामक होकर काम करेगी। 

जदयू-राजद से मांगी सम्मानजनक सीटें

रविवार को बापू सभागार में अपने सम्मान समारोह में डॉ. सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा महागठबंधन में राजद-जदयू बड़े भाई की भूमिका में हैं। उन्होंने कहा कि इन दो दलों की जिम्मेदारी बनती है कि कांग्रेस समेत अन्य सहयोगियों को सम्मान और उचित भागीदारी करें, तभी हम भाजपा को हराने के अपने मकसद में कामयाब हो पाएंगे। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में समन्वय रहेगा तो भाजपा 2024 के लोकसभा चुनाव में बिहार में एक से दो सीटों पर ही सिमट जाएगी।

कांग्रेस की सीट कभी राजद तो कभी जदयू लड़ जाए, यह ठीक नहीं

डॉ. सिंह ने पुराने जख्मों को याद करते हुए कहा कि कांग्रेस की सीट कभी राजद लड़ जाए, कभी जदयू लड़ जाए, यह ठीक नहीं। इसका ख्याल रखना होगा। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि हमें अपनी मेहनत से पार्टी की खोई हुई प्रतिष्ठा वापस हासिल करनी है। जब तक यह काम पूरा नहीं होगा, हम चैन से नहीं बैठेंगे। बता दें कि महागठबंधन की सरकार बनने से पहले कांग्रेस और राजद के बीच दूरियां बढ़ गई थी।


मेरे लिए कांग्रेस मां-पिता के जैसी : सिंह 

उन्होंने कहा कि मेरी प्राथमिकता कांग्रेस की नीति और विचारधारा को प्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचाना है। डॉ. सिंह ने कहा कि वे जिस पार्टी में रहते हैं वहां अपना शत प्रतिशत देते हैं। कोई गलतफहमी ना पाले। कांग्रेस उनके लिए मां-पिता के जैसी है। उन्होंने कहा कि पार्टी ने पूरे विश्वास के साथ उन्हें बिहार कांगेस की कमान सौंपी है। उन्होंने पार्टी के प्रति आभार जताया

भारत जोड़ो यात्रा में आएंगे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

 भारत जोड़ो यात्रा की चर्चा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा 28 दिसंबर से बिहार के बांका से यह यात्रा प्रारंभ होगी, जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे भी शामिल होंगे। बापू सभागार से निकलकर अखिलेश सिंह सीधे सदाकत आश्रम पहुंचे, यहां उन्होंने पार्टी के नेताओं की मौजदूगी में प्रदेश अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।


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