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कांग्रेस को मध्य प्रदेश में लगा तगड़ा झटका, पूर्व मुख्यमंत्री के बीजेपी में शामिल होने की वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश, जानी आखिर क्यों भगवा हुए कमलनाथ?

कांग्रेस को मध्य प्रदेश में लगा तगड़ा झटका, पूर्व मुख्यमंत्री के बीजेपी में शामिल होने की वजह जानकर उड़ जाएंगे आपके होश, जानी आखिर क्यों भगवा हुए कमलनाथ?

मध्य प्रदेश की राजनीति में भूचाल आ गया है. कांग्रेस को लोकसभा चुनाव से पहले तगड़ा झटका लगा है. यह झटका ऐसा है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की जड़ों को हिला कर रख देगा.  यहां कोई साधारण नेता जिला अध्यक्ष या संगठन का कोई नेता बीजेपी में शामिल होने नहीं जा रहा है. मध्य प्रदेश कांग्रेस का जाना माना चेहरा या यूं कहें कांग्रेस की जड़ ही उखड़ कर बीजेपी में जा रही है.कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ आज बीजेपी का दामन थाम सकते है.जिस तरह से कांग्रेस के दिग्गज नेता एक-एक कर कांग्रेस का साथ छोड़ रहे हैं इससे तो यही लग रहा है कि लोकसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस पूरी तरह से खाली हो जाएगा सिर्फ अकेले राहुल गांधी ही मैदान में नजर आएंगे.पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का मन एकदम से बीजेपी की तरफ नहीं गया बल्कि इसकी स्क्रिप्ट 2 महीने पहले ही तैयार हो चुकी थी.

कांग्रस के साथ 43 वर्षो का रहा साथ

अस्सी का वो दशक, जब देश में इंदिरा गांधी एकमात्र बड़ा राजनीतिक चेहरा थीं. देशभर में कांग्रेस तेजी से प्रसार हो रहा था. उसी वक्त कलकत्ता में जन्मे और दून स्कूल में पढ़ाई करने वाले कमलनाथ राजनीति में कदम रखते हैं. संजय गांधी के मित्र होने के साथ वे राजीव गांधी के करीब हुए. पीएम इंदिरा गांधी के वक्त में गांधी परिवार के तीसरे पुत्र के रुप में उन्होंने 1980 में छिंदवाड़ा से अपनी राजनीति की शुरुआत की. 43 साल लंबी राजनैतिक पारी खेलने वाले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ की बीजेपी में एंट्री की पटकथा दो माह से राजनीतिक कोहराम मचा रही है. हर दिन इस बड़े फेरबदल की धुंध हटने का नाम नहीं ले रही है. चर्चाएं आम हैं. सोशल मीडिया पर ऐसी बातें खूब फैल रही हैं. 

कमल नाथ ने छोड़ा कांग्रेस का दामन!

कमलनाथ इस पूरे मामले में अभी तक ना अपना रुख स्पष्ट कर रहे हैं, ना ही बीजेपी में जाने की अटकलों का खुलकर खंडन कर रहे हैं. इन चर्चाओं को और हवा तब मिली, जब कमलनाथ ने 17 फरवरी के अपने सभी कार्यक्रम रद्द कर दिए. पूर्व सीएम अपने बेटे नकुलनाथ के साथ दिल्ली कूच कर गए. दूसरी तरफ मीडिया में खबरें चलने लगीं कि दोनों पिता-पुत्र की जोड़ी बीजेपी में शामिल हो रही है. इस बात की पुष्टि नकुलनाथ ने अपने एक्स के बायो से कांग्रेस पार्टी का नाम हटाकर कर दी. उनके दिल्ली कूच करते ही कट्टर समर्थक नेताओं ने भी अपने अकाउंट से कांग्रेस का नाम हटा दिया. इसमें सबसे पहला नाम पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा का आया.

राज्यसबा की सीट को लेकर बढ़ी तकरार

दिल्ली की पॉलिटिक्स में रचे- बसे कमलनाथ ने एमपी में हुए पूरे घटनाक्रम, सत्ता से दूरी और आलाकमान की हर बात को स्वीकारा. उन्होंने कांग्रेस की पूर्व अध्यक्षा सोनिया गांधी से मुलाकात की और राज्यसभा के माध्यम से दिल्ली वापसी की चर्चा की. सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने का भरोसा भी दिया, लेकिन कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी और उनकी बहन प्रियंका गांधी ने कमलनाथ के इस प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया, जिससे आहत कमलनाथ इस घटनाक्रम से पार्टी को लेकर असहज हो गए. संभवतः यह सब घटित होने के बाद कांग्रेस के कमलनाथ अब भाजपा के कमल फूल की ओर आकर्षित हो गए.

कमलनाथ के सेवा और समर्पण को कांग्रेस ने नकारा 

 लगातार पांच सालों तक कांग्रेस पार्टी को प्रदेश में खड़ा कर चुनाव लड़ने के काबिल बनाने वाले कमलनाथ को जब 2023 में सफलता नहीं मिली तो अचानक ही सबकुछ बदल गया. सरकार नहीं आने पर पार्टी ने उनकी सेवाओं और समर्पण को दरकिनार कर दिया, जिसके बाद पार्टी के नेताओं के सुर भी बदल गए.

कांग्रेस के शो-काज से तिलमिलाए कमलनाथ 

 कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने भाजपा से सांठगांठ का आरोप भी जड़ दिया, जिसके बाद पार्टी ने उन्हें शो-काज नोटिस देकर खानापूर्ति कर दी और कार्यवाही नहीं की. इस बयानबाजी से कमलनाथ काफी दुखी हुए और दूरियां होनी शुरु होती दिखाई दी. तभी से कमलनाथ का बीजेपी की तरफ झुकाव देखने को मिला अब अटकले लगाई जा रही है कि आज कमलनाथ भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो सकते हैं..

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