लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस को मिला बड़ा साथ, 42 संसदीय सीटों पर जीत हासिल करने का रास्ता दिखाएगी शर्मिला

DESK. लोकसभा चुनाव के पहले कांग्रेस ने एक बड़ी रणनीतिक बढ़त के तहत वाईएसआर तेलंगाना पार्टी की संस्थापक वाईएस शर्मिला गुरुवार को नई दिल्ली में कांग्रेस में शामिल करा लिया। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की मौजूदगी में वाईएसआरटीपी का कांग्रेस में विलय कर दिया। यह आगामी लोकसभा चुनाव के पहले तेलंगाना और आंध्र प्रदेश के लिए कांग्रेस की एक बड़ी उपलब्धि के तौर पर देखा जा रहा है.
कांग्रेस में शामिल होने के बाद शर्मिला ने कहा, “आज मैं वाईएसआरटीपी का कांग्रेस पार्टी में विलय करते हुए बहुत खुश हूं। मुझे बहुत खुशी है कि वाईएसआरटीपी आज से कांग्रेस का हिस्सा बनने जा रही है।'' उन्होंने कहा कि वाईएस राजशेखर रेड्डी, "जनता के नेता" ले रूप में अपना पूरा जीवन कांग्रेस पार्टी की सेवा के लिए समर्पित कर दिया। शर्मिला ने कहा, "आज उन्हें खुशी होगी कि उनकी बेटी कांग्रेस पार्टी में शामिल हो रही है।"
शर्मिला ने कहा, "कांग्रेस पार्टी अभी भी हमारे देश की सबसे बड़ी धर्मनिरपेक्ष पार्टी है और इसने हमेशा भारत की सच्ची संस्कृति को बरकरार रखा है और हमारे राष्ट्र की नींव तैयार की है।" उन्होंने कहा कि उनके पिता का सपना था कि राहुल गांधी देश के प्रधानमंत्री बनें. उन्होंने कहा, "मुझे खुशी है कि मैं उस सपने को संभव बनाने के लिए काम करूंगी।"
शर्मिला अविभाजित आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिवंगत वाई एस राजशेखर रेड्डी की बेटी और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की छोटी बहन हैं। पहले कहा जा रहा था कि कांग्रेस में उनकी पार्टी के विलय के बाद उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर कोई पद दिया जा सकता है. शर्मिला ने हाल ही में - तेलंगाना में विधानसभा चुनाव के दौरान - के चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली भारत राष्ट्र समिति के कथित भ्रष्ट और जन-विरोधी शासन को समाप्त करने के लिए कांग्रेस को अपना समर्थन देने की घोषणा की थी।
अब शर्मीला के कांग्रेस में आने से यह आंध्र प्रदेश और तेलंगाना दोनों राज्यों में कांग्रेस के लिए बड़े रणनीतिक फायदे का कारण बन सकता है. आंध्र प्रदेश में लोकसभा की 25 सीटें हैं. वहीं, तेलंगाना में 17 लोकसभा सीटें हैं. ऐसे में इन दोनों राज्यों की 42 सीटों पर कांग्रेस बड़ी जीत हासिल करने की रणनीति के तहत अभी से सक्रिय है. माना जा रहा है कि शर्मिला के आने से कांग्रेस दोनों राज्यों में प्रभावशाली प्रदर्शन करने का सपना साकार कर सकती है.