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भाजपा-जदयू से दरकिनार हुए सवर्ण वोटरों को लपकने के फिराक में कांग्रेस

भाजपा-जदयू से दरकिनार हुए सवर्ण वोटरों को लपकने के फिराक में कांग्रेस

PATNA : राजनीति में मिले मौके को जो भुना ले, वही कामयाब होता है। बिहार में खुद के पैरों पर खड़ा होने की कोशिश कर रही कांग्रेस एक बड़े मौके को लपकने के फिराक में है। बिहार कांग्रेस के नये नवेले अध्यक्ष मदन मोहन झा ने अपनी कार्यसमिति की पहली बैठक में ही साफ कर दिया है कि पार्टी अब सवर्ण समुदाय में भी पैठ बढ़ाएगी। इत्तेफाक से कांग्रेस को मनमाफिक मौका मिल भी गया है। सवर्ण समुदाय का अब एनडीए से मोहभंग हो रहा है जिसका कांग्रेस फायदा उठाना चाहती है।

सवर्ण समुदाय का NDA से मोहभंग !

बिहार में सवर्ण समुदाय NDA से नाराज चल रहा है। भाजपा सवर्णों के मुद्दे पर खामोश हैं। जदयू को तो सवर्णों की बिल्कुल परवाह नहीं है। नीतीश कुमार कह भी चुके हैं  कि अपर कास्ट जाएंगे कहां ? उन्हें हर हाल में एनडीए के साथ ही रहना है। सवर्ण समुदाय अपने पसंदीदा दलों के रवैये से गुस्से में है। पूरे बिहार में एनडीए के मंत्रियों और सांसदों का हो रहा विरोध इसकी बानगी है। सवर्ण समुदाय के गरीब आरक्षण की मांग कर रहे हैं। इस मांग पर भाजपा की स्थिति सांप-छुछुंदर वाली हो गयी है। न निगलते बन रह है, उगलते बन रहा है। जदयू ने तो सवर्ण समुदाय के आरक्षण की मांग को सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस के पतन के बाद बिहार में अधिकतर सवर्ण वोटर भाजपा को वोट करते रहे हैं। लेकिन अब भाजपा की बेरुखी पर सवर्ण समुदाय गुस्से में है। जदयू ने अपना ध्यान एससी-एसटी, अल्पसंख्यक और अतिपिछड़े वर्ग पर केन्द्रीत कर रखा है। उसे सवर्ण वोटरों की बहुत ज्यादा परवाह नहीं है। लेकिन भाजपा के पास कोई जवाब नहीं है।

कांग्रेस की नजर सवर्ण वोटरों पर

एक जमाने में अल्पसंख्यक, सिड्यूल्ड कास्ट और सवर्ण वोटर कांग्रेस के साथ जुड़े थे। लेकिन 1990 के बाद बिहार ही नहीं देश की राजनीति भी  बदल गयी थी। भागलपुर दंगा के बाद अल्पसंख्यकों ने कांग्रेस से मुंह मोड़ लिया था। सवर्ण और सिड्यूल्ड कास्ट भी कांग्रेस से छिटक गये थे। जब से मदन मोहन झा बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष बने हैं कांग्रेस का मिजाज बदला हुआ है। बिहार कांग्रेस ने सवर्ण समुदाय में पैठ बढ़ाने का फैसला किया है। बिहार की मौजूदा राजनीति में अभी प्रमुख दल सवर्णों को तवज्जौ नहीं दे रहे। ऐसे में कांग्रेस ने साहसिक फैसला लिया है कि वह सवर्ण समुदाय को अपने साथ जोड़ेगी। सवर्णों पर पटना में हुए लाठीचार्ज के मुद्दे को भुना कर कांग्रेस अपर कास्ट के नजदीक जाना चाहती है।

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