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लालू OUT - अल्पेश IN : पलटकर देखते रह गए तेजस्वी

लालू OUT - अल्पेश IN : पलटकर देखते रह गए तेजस्वी

PATNA :  पटना के एसके मेमोरियल हॉल में कांग्रेस की तरफ से आयोजित श्रीकृष्ण सिंह जयंती समरोह के मौके पर सबकी नज़रें नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर टिकी थी. मंच पर बैठे तेजस्वी के सामने भीड़ थी लेकिन खुद तेजस्वी की नज़रें बार – बार पीछे जा रहीं थी. तेजस्वी के साथ इस कार्यक्रम में हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष जीतन राम मांझी और बिहार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा और कांग्रेस के अन्य बड़े नेता मंच पर बैठे थे लेकिन तेजस्वी की नज़रें कार्यक्रम में किसी अन्य चेहरे को तलाश रहीं थी. 

निराश हुए तेजस्वी 

बिहार कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह के बुलावे पर कार्यक्रम में शामिल हो रहे तेजस्वी को उम्मीद थी अखिलेश सिंह उनके पिता लालू प्रसाद से करीबी रिश्तों की लाज़ रखेंगे. लेकिन कार्यक्रम में पहुंचे तेजस्वी को उस वक़्त निराशा हाथ लगी जब उन्होंने कार्यक्रम के मंच पर लगे होर्डिंग में अपने पिता लालू प्रसाद यादव की तस्वीर नहीं देखी. मंच पर बैठे तेजस्वी को शायद इसकी उम्मीद नहीं थी इलिए वह अपनी कुर्सी से पीछे मुड़कर बार – बार होर्डिंग को देखते रहे. 

कांग्रेस ने किया लालू से किनारा 

अपने सहयोगी दल की तरफ से आयोजित कार्यक्रम के पोस्टर – बैनर से लालू प्रसाद यादव की तस्वीर को आउट किया जाना तेजस्वी यादव को सालता रहा. न्यूज़4नेशन ने जब आयोजकों से लालू प्रसाद की तस्वीर नहीं लगाये जाने की बाबत जब जानकारी लेनी चाही तो सबने चुप्पी साध ली. नाम ना छापने की शर्त पर बिहार कांग्रेस के नेता केवल इतना भर कहा की लालू प्रसाद सजायफ्ता हैं और शायद इसी वजह से उनकी तस्वीर से परहेज किया गया. कांग्रेस नेता ने पार्टी आलाकमान की सजायाफ्ता नेताओं को लेकर नीतियों का जिक्र करते हुए यह भी कहा की कार्यक्रम में तेजस्वी और  मांझी को आना था इसलिए केवल इनकी ही तस्वीरें पोस्टर में लगीं. 

अल्पेश ठाकोर को मिली जगह 

कांग्रेस ने आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव से किनारा तो जरुर कर लिया लेकिन इस आयोजन से दूर रखे गए बिहार कांग्रेस के सह प्रभारी अल्पेश ठाकोर को कार्यक्रम को इंट्री जरुर दे दी. श्रीबाबू की जयंती के पहले ही अखिलेश प्रसाद ने स्पष्ट तौर पर कहा था की अल्पेश ठाकोर की जयंती समारोह के लिए आमंत्रण नहीं भेजा गया है. अल्पेश को न्योता नहीं भेजने के पीछे गुजरात में उनकी ठाकोर सेना की तरफ से बिहारियों के खिलाफ हिंसा का वजह माना गया था. जयंती समारोह से अल्पेश ठाकुर को दूर रखने के बावजूद उनकी तस्वीरें पोस्टर पर लगीं दिखीं. अल्पेश ठाकोर की तस्वीर कार्यक्रम के मुख्य मंच पर लगीं थी. 

लालू के बिना बिहार में कांग्रेस के वजूद पर सवाल 

अब सवाल यह है कि जिन लालू प्रसाद यादव की तस्वीर से कांग्रेस ने सजायाफ्ता होने के कारण परहेज किया वास्तव में उसी लालू के बिना बिहार में कांग्रेस का वजूद है क्या? नब्बे के दशक से बिहार कांग्रेस लालू प्रसाद यादव के रहमोकरम पर जी रही है. बिहार की सियासत में हाशिये पर गई कांग्रेस का दम अगर नहीं टूटा तो इसका श्रेय लालू को ही जाता है. हालाँकि जानकार यह भी कहते हैं की लालू यादव ने बिहार में कांग्रेस को परजीवी बनाये रखा. कांग्रेस आज भी बिहार में आरजेडी के साथ है और उसे लालू यादव के चेहरे का ही भरोसा है. ऐसे में लालू की तस्वीर से परहेज कांग्रेस के लिए गुड़ खाए.. गुलगुले से परहेज वाली स्थिति को बयां करता है. 


पटना से विवेकानंद की रिपोर्ट 

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