NEWS4NATION DESK : नागरिकता संशोधन कानून और जेएनयू हिंसा के मामले पर सत्ताधारी बीजेपी पर दबाव बनाने के लिए विपक्षी को एकजुट करने में जुटी कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा इन मुद्दों को लेकर बुलाई गई बैठक से कई विपक्षी पार्टियों ने दूरी बना ली है। टीएमसी के बाद देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश के प्रभावी राजनीतिक दल बहुजन समाज पार्टी और दिल्ली की सत्ताधारी केजरीवाल की आप पार्टी भी इसमें शामिल नहीं होने जा रही है।
बीएसपी प्रमुख मायावती ने कांग्रेस की बैठक में शामिल नहीं होने का एलान किया है। माया ने भी बैठक से पहले कांग्रेस पर ही जमकर निशाना साधा। अपने ट्वीट में मायावती ने लिखा, 'जैसा कि विदित है कि राजस्थान में कांग्रेसी सरकार को बीएसपी का बाहर से समर्थन दिए जाने पर भी, इन्होंने दूसरी बार वहां बीएसपी के विधायकों को तोड़कर अपनी पार्टी में शामिल करा लिया है जो यह पूर्णतयाः विश्वासघाती है। ऐसे में कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष की बुलाई गई बैठक में बीएसपी का शामिल होना, यह राजस्थान में पार्टी के लोगों का मनोबल गिराने वाला होगा। इसलिए बीएसपी इनकी इस बैठक में शामिल नहीं होगी।
वहीं मायावती के एलान के कुछ देर बाद ही दिल्ली के सत्ताधारी दल आम आदमी पार्टी ने भी बैठक से दूरी बनाने का फैसला कर लिया।
बता दें बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी ने पहले ही न केवल मीटिंग से किनारा कर लिया था, बल्कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों पर सीएए प्रदर्शनों के दौरान हिंसा फैलाने का आरोप लगाकर गहरी नाराजगी भी जताई। खुद को मोदी सरकार के खिलाफ एक मुखर आवाज के रूप में स्थापित कर चुकीं ममता बनर्जी के मीटिंग में हिस्सा नहीं लेने के ऐलान के बाद से ही इस मीटिंग की प्रासंगिकता पर सवाल उठने लगे थे।