दिल्ली. रामलला मंदिर निर्माण के लिए अयोध्या में निर्माण कार्य का तीसरा चरण शुरू हो गया है और इसके मई तक पूरा हो जाने की संभावना है. मंदिर के ट्रस्ट की ओर से कहा गया कि मंदिर का निर्माण कार्य तय योजना के अनुसार आगे बढ़ रहा है और दिसंबर 2023 तक भक्तों को भगवान श्रीराम के दर्शन का अवसर मिल सकेगा.
मंदिर के निर्माण कार्य के पहले दो चरणों में, नींव आदि तैयार किए गए थे. ट्रस्ट ने कहा कि तीसरा चरण शुरू हो गया है जिसमें ‘प्लिंथ’ (चबूतरे) का निर्माण भी शामिल है. बयान के अनुसार मंदिर की मजबूती को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत के सबसे मजबूत प्राकृतिक ग्रेनाइट पत्थर का इस्तेमाल करने का निर्णय लिया गया है.
ग्रेनाइट पत्थर के साथ ‘प्लिंथ’ का निर्माण कार्य 24 जनवरी को शुरू हो गया. इस प्रकार तीसरे चरण का निर्माण कार्य औपचारिक रूप से शुरू हो गया है. मंदिर भवन के लिए आधार का काम करने वाले चबूतरे पर मंदिर के मुख्य ढांचे का निर्माण किया जाएगा.
‘प्लिंथ’ के निर्माण में 5 फुट, 2.5 फुट व 3 फुट आकार के करीब 17,000 ग्रेनाइट पत्थरों का उपयोग किया जाएगा। हर ऐसे पत्थर का वजन करीब 2.50 टन है. ग्रेनाइट पत्थर लगाने का काम मई तक पूरा हो जाने की संभावना है.
‘प्लिंथ’ का काम पूरा होने के बाद मंदिर के मुख्य ढांचे का वास्तविक निर्माण शुरू होगा. लार्सन एंड टुब्रो कंपनी मंदिर का निर्माण कार्य कर रहा है और टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स इस कार्य में उसकी मदद कर री है. उच्चतम न्यायालय के नौ नवंबर, 2019 के फैसले के बाद, राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को फरवरी 2020 में मंदिर निर्माण का कार्यभार दिया गया था. राम मंदिर सहित 70 एकड़ परिसर की भव्यता के लिए 1100 करोड़ रुपये खर्च होंगे.