पटना। संविदा पर नौकरी करनेवालों के लिए सरकार ने नया निर्देश जारी किया है, जिसके अनुसार नौकरी ज्वायन करने से पहले अभ्यर्थी को अपने चरित्र एवं पूर्ववृत का सत्यापन करना अनिवार्य कर दिया गया है। चौंकानेवाली बात यह है इस नियम को 15 साल पहले 2006 में ही बनाया गया था, लेकिन सरकार की तरफ से इसे मंजूरी नहीं मिली थी। इसे लागू करने में सरकार को डेढ़ दशक का समय गुजर गया।
राज्य सरकार के अधीन संविदा आधारित नियोजन के लिए चरित्र एवं पूर्ववृत्त का सत्यापन अनिवार्य कर दिया गया है इसके लिए जरूरी जानकारी खुद अनुशंसित में उम्मीदवार को देनी होगी जिनका नियोजन होना है इस दौरान कोई उम्मीदवार यदि अपने ऊपर दायर मामले की छुपाता है तो उसे कदाचार माना जाएगा सामान्य प्रशासन विभाग ने इस बाबत सभी विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रधान सचिव सचिव डीजीपी प्रमंडलीय आयुक्त जिलाधिकारियों को पत्र जारी कर दिया है।
2006 में ही बना था नियम
बिहार सरकार में स्वच्छ छवि के पदाधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति इसके लिए 2006 में ही नियम बनाए गए थे जिसमें नौकरी हेतु अनुशंसित अभ्यर्थियों को चरित्र एवं पूर्व सत्यापन का प्रावधान किया गया था इसके लिए निर्धारित प्रक्रिया बनाई गई थी तब से यह मामला विचाराधीन था जिसे अब लागू कर दिया गया है