पटना. पंचायती राज विभाग के मंत्री सम्राट चौधरी ने लेखक दया प्रसाद सिन्हा के लेख के शीर्षक 'औरंगजेब जैसा ही था सम्राट अशोक' का खंडन करते हुए कहा कि एक चक्रवर्ती सम्राट की तुलना मुगलकालीन सम्राट औरंगजेब से करना मनगढ़ंत असत्य एवं काल्पनिक है.
सम्राट चौधरी ने कहा कि चक्रवर्ती सम्राट अशोक को बौद्ध ग्रंथ के हवाले से कुरूप क्रूर और पत्नी को जलाने वाला बताया जाना आश्चर्यजनक है, क्योंकि यदि सम्राट अशोक औरंगजेब जैसा होते तो सम्राट अशोक द्वारा स्थापित चक्र को न तो राष्ट्रीय प्रतीक बनाया जाता न राष्ट्रीय ध्वज में पिरोया जाता और न राष्ट्रपति भवन में अशोका भवन बनाया जाता.
सम्राट अशोक के संबंध में किसी भी इतिहासकारों ने कभी ऐसी टिप्पणी नहीं किया है. सम्राट अशोक के स्वर्णिम शासन के कारण ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने सम्राट अशोक के नाम पर डाक टिकट जारी किया. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना के गांधी मैदान के समीप अशोक कन्वेंशन हॉल बनाया और बिहार में जब मैं नगर विकास मंत्री था, तब सभी नगर में सम्राट अशोक भवन बनाने का निर्णय लिया था.