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मजदूरों के बदले मशीन से कराई गयी तालाब की खुदाई, ग्रामीणों ने लगाया करोड़ों के घोटाले का आरोप, डीएम करेंगे जांच

मजदूरों के बदले मशीन से कराई गयी तालाब की खुदाई, ग्रामीणों ने लगाया करोड़ों के घोटाले का आरोप, डीएम करेंगे जांच

KAIMUR : भभुआ प्रखंड के अखलासपुर पंचायत में मनरेगा में दो वित्तीय वर्ष में करोड़ों रुपए घोटाले का मामला सामने आया है. भभुआ प्रखंड मनरेगा के पीओ, पीआरएस जेई और संवेदक पर मनरेगा राशि का बंदरबांट करने का आरोप लगा है. मनरेगा मजदूरों को रोजगार देने की गारंटी है. लेकिन अखलासपुर पंचायत में मजदूरों की जगह मशीन से काम करा कर फर्जी तरीके से उसका भुगतान करा लिया गया है. मामले को निगरानी अन्वेषण विभाग को दे दिया है. 

बताया जा रहा है की कैमूर जिले के भभुआ प्रखंड के मनरेगा कार्यालय के पीओ और पीआरएस पर मनरेगा योजना के तहत वर्ष 2017-18 और 2018-19 में गली-नली, निजी जमीन पर पोखरा खुदाई, निजी जमीन पर गौशाला निर्माण की योजनाओं में करोड़ों रुपए का घोटाला का मामला प्रकाश में आया है. जिसको लेकर गांव के ही एक व्यक्ति द्वारा इसकी शिकायत निगरानी विभाग पटना को मेल भेज कर की गई थी. जिसके बाद निगरानी विभाग अन्वेषण ब्यूरो पटना द्वारा जिला अधिकारी को इसकी जांच कराने का निर्देश दिया गया है. 

निगरानी अन्वेषण ब्यूरो को ग्रामीणों द्वारा भेजे गए मेल में बताया गया है की कनीय अभियंता ने निजी जमीन पर गौशाला और पोखरा खुदवाने के एस्टीमेट दस-दस लाख का बनाया और काम नहीं करने वाले जॉब कार्ड धारी का नाम डाला. जबकि हकीकत है कि अखलासपुर पंचायत में छह-सात पोखरा के लिये निजी जमीन पर खुदाई जेसीबी से कराई गई. जिसमें एक भी जॉब कार्ड धारी मजदूर ने काम नहीं किया. इसी तरह पुराने मुखिया के समय में नाली गली आदि के किए गए काम को सुधार कर नया काम दिखा कर पैसा लूटा गया. रोजगार सेवक, जेई और संवेदक ने बगैर काम किए मजदूरों का बायोमेट्रिक सिस्टम से अंगूठा लगवाया और बैंक में खाता खुलवा कर उन्हें दो तीन सौ रुपए देकर बाकी मजदूरी भुगतान के नाम पर पैसे का बंदरबांट कर लिया. जिस मामले की जानकारी निगरानी विभाग को जाने के बाद जिलाधिकारी से इस मामले की जांच करने का निर्देश जारी किया गया है. वहीं ग्रामीण बताते हैं कि पिछले 5 सालों में हमने मनरेगा के तहत मजदूरों को गांव के किसी भी जगह पर काम करते हुए नहीं देखा है. 


वही गांव के एक व्यक्ति ने बताया जब हमने अखलासपुर पंचायत में मनरेगा योजना में करोड़ों रुपए घोटाला के मामले को डी डी सी, डी एम और पी ओ के यहां शिकायत किया तो संवेदक द्वारा हमें जान से मारने तक की धमकी दी गई और मेरे आवेदन पर किसी स्तर से किसी भी प्रकार का कोई कार्रवाई नहीं किया गया. अंत में थक हार कर हमने भी शिकायत करना छोड़ दिया. वही भभुआ प्रखंड के मनरेगा के प्रोग्राम पदाधिकारी बताते हैं की हमको भी जानकारी हुआ है कि किसी ने अखलासपुर पंचायत में हुवे काम का शिकायत किया है. जिला स्तर से जांच होनी है. जांच रिपोर्ट में इसका खुलासा होगा. 

कैमूर से देवब्रत की रिपोर्ट 

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