DESK: माओवादियों के गढ़ छत्तीसगढ़ में भी कोरोना ने दस्तक दे दी है. वह माओवादी जो कभी किसी से नहीं डरे वह कोरोना से डर रहे हैं. दरअसल करीब 40 माओवादी कोरोना संक्रमित हो चुके हैं और कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हैं. यह सभी जंगलों के बीच में रहते हैं जहां मूलभूत सुविधाओं का अभाव रहता है और यह जल्दी मुख्यधारा से भी नहीं जुड़ते, जिस वजह से इनकी आपस में संक्रमित होने का खतरा काफी ज्यादा है.
हालांकि छत्तीसगढ़ पुलिस लगातार ही इन सभी से से आत्मसमर्पण की अपील कर रही है. इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी वादा किया है कि सभी का कोरोना उपचार भी मुफ्त में करवाया जाएगा. बस्तर रेंज के आईजी पी सुंदर राज ने बताया कि कई माओवादी कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं. घने जंगलों के बीच में रहने से कम्युनिटी स्प्रेड की आशंका भी टाला नहीं जा सकता है. यह सभी पहले कोरोना महामारी को हल्के में लेते थे मगर अब खुद परेशान हैं. इसके अलावा लॉकडाउन की वजह से भी इन्हें जरूरी रसद और दवा नहीं मिल पा रही है. यह पुराने और एक्सपायर्ड सामान उपयोग कर रहे हैं जिससे फूड प्वाइजनिंग हो रही है.
माओवादियों के दल का मुखिया दंडकारण्य के सदस्य 25 लाख के इनामी माओवादी सुजाता कोरोना से ग्रसित हो गई है. इसके अलावा माओवादी, सोनू और दिनेश जयलाल के साथ गढ़वा कमेटी के 30 से 40 सदस्य कोरोना पीड़ित हैं. कोरेाना संक्रमितों का उपचार नहीं हुआ तो आम जनता में कोरोना का संक्रमण फैलेगा, इसलिए पुलिस ने माओवादियों से आत्मसमर्पण की अपील की है.