DESK: बिहार में कोरोना का ग्राफ तेजी से ऊपर की ओर जा रहा है. कोरोना हर दिन अपना ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है. बिहार भर में सबसे ज्यादा मरीज पटना में मिल रहे हैं. पटना बड़े हॉटस्पॉट के रूप में तब्दील हो चुका है. इसी बीच कोरोना की धमक पटना विश्वविद्यालय में दिखाई देने लगी है. यहां के कुलपति सहित कई प्रोफेसर कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. इस वजह से अप्रैल महीने के अंत में होने वाली परीक्षाओं पर संकट आ गया है.
पटना यूनिवर्सिटी के कुलपति गिरीश कुमार चौधरी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद से हड़कंप मच गया है. पटना यूनिवर्सिटी के डीन सह मीडिया प्रभारी प्रो. एनके झा ने एंटीजन किट की जांच में कुलपति के संक्रमित होने की बात कही है. एक-दो दिन में उनकी आरटी-पीसीआर की रिपोर्ट आ जाएगी. दूसरी तरफ मगध महिला कॉलेज के दो और पटना साइंस कॉलेज के एक प्रोफेसर ने भी अपनी कोविड -19 जांच करवाई है. कोरोना की सूचना के बाद छात्र आने वाली परीक्षा को लेकर चिंतित हैं.
पटना विश्वविद्यालय में 27 अप्रैल से थर्ड सेमेस्टर के छात्रों की फाइनल परीक्षा निर्धारित है. एक तरफ जहां छात्र परीक्षा के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर चिंतित हैं, वहीं दूसरी ओर पीयू के अधिकारियों ने कोरोना संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिए कई उपायों को बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत, हमने पहले ही विजिटरों के प्रवेश को रोक दिया है. वहीं प्रोफेसरों और कर्मचारियों के लिए काम के घंटे कम किए जाएंगे.
इस मामले में रजिस्ट्रार ने कहा कि विश्वविद्यालय ने अपने छात्रों को पहले ही कॉलेज के परिसरों में फिजिकली जाने के बजाय ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म भरने का निर्देश दिया है. फाइनल इयर की परीक्षा के बारे में निर्णय के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि हम तीसरे वर्ष के छात्रों की अंतिम परीक्षा को एक सप्ताह या 10 दिनों के लिए स्थगित करने पर विचार कर रहे हैं. हालांकि, अभी अंतिम फैसला नहीं लिया गया है.