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कोरोना इंसान की करा रहा पहचान : मौत पर अपने हो रहे पराये, गैर कर रहे अंतिम संस्कार

कोरोना इंसान की करा रहा पहचान : मौत पर अपने हो रहे पराये, गैर कर रहे अंतिम संस्कार

News4nation desk : कोरोना संकट से जहां चारो ओर त्राहिमाम मचा है, वहीं इस जानलेवा बीमारी में इंसानी गैरत की पहचान भी हो रही है।  

एक ओर इस महामारी के खिलाफ जंग मे हजारों हाथ जरूरतमंदों और असहायों की सेवा के लिए आगे आ रहे है। दिन-रात स्वास्थ्यकर्मी, पुलिस और समाजसेवी लोगों की मदद और सेवा में जुटे है। वहीं ऐसे भी मामले सामने आ रहे है। जिसे जानकर आप दहल उठेगें। 

इस बीमारी से मौत पर कई लोगों दो गज जमीन और अपनों के हाथ से अंतिम संस्कार भी नशीब नहीं हो पा रहा है। इनके अपने इन्हें अंतिम समय में अपनाने से इंकार कर रहे हैं। 

एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के भोपाल से सामने आया है। जिसे जानकर आप सोचने पर विवश हो जायेंगे, धरती पर ऐसे भी जिनके अंदर मानवता नाम की कोई चीज नहीं है।

दरअसल भोपाल के शुजालपुर के शख्स की कोरोना से मौत हो गई। मौत के बाद शख्स का अंतिम संस्कार उसके बेटे और बाकी घरवालों ने करने से ही इनकार कर दिया। इस शख्स का मौत से पहले कोरोना वायरस टेस्ट पॉजिटिव आया था।

बेटे और घरवालों की हिचकिचाहट देखकर एक सरकारी अधिकारी स्वेच्छा से सामने आया और उसका अंतिम संस्कार किया। 

भोपाल जिला प्रशासन के मुताबिक शुजालपुर के रहने वाले एक शख्स को लकवा मार जाने के बाद भोपाल के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इस शख्स की 14 अप्रैल को कोरोना वायरस टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद उसे चिरायु अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। जहां शख्स की 20 अप्रैल को मौत हो गई। 

शख्स की मौत की सूचना मिलने पर उसकी पत्नी, बेटा और पत्नी का भाई भोपाल पहुंचे। उन्हें बताया गया कि शव को शुजालपुर नहीं ले जाया जा सकता और अंतिम संस्कार भोपाल में ही पूरी सावधानी और सरकार की ओर से निर्धारित SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) के साथ करना होगा।

शव लेने से इनकार

ये सुनकर मृतक के घरवाले घबरा गए और उन्होंने शव को लेने से इनकार कर दिया। घरवालों को जिला प्रशासन की ओर से PPE किट्स उपलब्ध कराईं गईं लेकिन उन्होंने ये कहकर लेने से इनकार कर दिया कि उन्हें इनका इस्तेमाल करना नहीं आता।

घरवालों का डर दूर करने के लिए उन्हें बताया गया कि उस शख्स का इलाज करने वाले डॉक्टर, नर्स भी इंसान ही थे। फिर जिस म्युनिसिपल स्टाफ ने शव को हैंडल किया वो भी सब इंसान थे. लेकिन शख्स के घरवालों का डर दूर नहीं हुआ और उन्होंने अधिकारियों को ही अंतिम संस्कार के लिए अधिकृत कर दिया।

परिजनों के इस तमाशे को देखने के बाद तहसीलदार गुलाब सिंह बघेल से रहा नहीं गया और वे स्वेच्छा से अंतिम संस्कार के लिए आगे आए। उन्होंने जब चिता को अग्नि दी तो शख्स के घरवाले दूर खड़े होकर ही देख रहे थे। 


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