DESK: लोग ऐसे ही कोरोना महामारी से परेशान है लेकिन कई लोग मजबूरी का फायदा उठा रहे हैं. कोरोना मरीजों से लूट की जा रही है. कई जगहों से शिकायत आ रही है कि मरीजों से 10-15 किलोमीटर के लिए इतना रुपये लिया जा रहा है. जितने में यूरोप की फ्लाइट पकड़ी जा सकती हो.
हालांकि सरकार ने स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इस मामले में प्रभावी कदम उठाए हैं. कुछ राज्यों ने ऐंबुलेंस के चार्ज को नियंत्रित करने के लिए कदम उठाए हैं. कई राज्यों में अधिकतम किराया फिक्स कर दिया है लेकिन फिर भी लोग नियम की धज्जियां उड़ाकर मरीजों से एक तरह की लूट की जा रही है.
सबसे पहले यह मामला मुंबई में सामने आया जहां 10-15 किलोमीटर की दूरी के लिए मरीजों से 30 हजार रुपये तक वसूले जाते थे. यानी 1 किलोमीटर का 3000 हजार रुपये. जिसके बाद महाराष्ट्र सरकार को दखल देना पड़ा और सरकार ने 7 किलोमीटर तक के लिए 8000 हजार रुपये निर्धारित किए.
बता दें कि यह लूट सिर्फ 20-25 गुना तक किराया वसूलने तक सीमित नहीं है, बल्कि कई प्राइवेट ऐंबुलेंस तो ड्राइवरों, हेल्परों के पीपीई किट और ऐंबुलेंस को सैनिटाइज करने के लिए अलग से 3 हजार रुपये वसूल रहे हैं. जिससे लोग बहुत परेशान हैं. एक तो पहले ही कोरोना की मार है और ऊपर से यह किराये की टेंशन. यहीं नहीं कई जगह से तो खबर यह भी मिल रही है कि कोरोना मरीजों का घाट पर अंतिम संस्कार करने के लिए डेढ़ लाख रुपये मांगे जाते हैं.