मुंगेर : मुंगेर में एक फिर से कोरोना ने कहर बरपा रखा है. बिहार में पहला कोरोना का एक्टिव केस मुंगेस से आया था. विदेश से लौटे एक शख्स ने 7 लोगों को संक्रमित किया था. हालांकि उस शख्स के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद पटना के एम्स में मोत हो गई थी.
मरकज वाले ने मुंगेर में फिर बो दिया कोरोना
मुंगेर प्रशासन ने कुछ दिनों तक कोरोना पर काफी हद तक कंट्रोल कर लिया था. लेकिन एक जमाती ने मरकज से लौटने के बाद फिर से मुंगेर कोरोना बो दिया.माना जा रहा है कि इस जमाती की वजह से मुंगेर में कोरोना का चेन बनने लगा है. दिन 14 अप्रैल, पुलिस को मुखबिर से यह सूचना मिलती है कि एक जमाती चुपके से आकर जलामपुर के सदर बाजार में रह रहा है. पुलिस उस बुजुर्ग जमाती को उठा लेते ही. जमाती को कारोना टेस्ट होता जो कि पॉजिटिव पाया जाता है. फिर यहीं से शुरू होता है मुंगेर में कोरोना रिटर्न होने का सिलसिला.
जमात वाला बनाता गया कोरोना का चेन
जैसे ही जमात वाला कोरोना पॉजिटिव मिलता है जमालपुर प्रशासन एक्टिव हो जाता है. जमात वाले को क्लोज कॉन्टेक्ट वालों की लिस्ट तैयार होने लगती है. परिवार समेत कुल 26 लोग इस जमाती के संपर्क में आते हैं जिनका कोरोना टेस्ट किया जाता है. इस टेस्ट में मरकज वाले के परिवार के 8 सदस्य के साथ एक पड़ोस वाला भी कोरोना संक्रमित पाया जाता है. मतलब इस जमाती के खुद को मिलाकर 10 लोगों में कोरोना बो दिया था.
ट्रेवल हिस्ट्री छिपाने के फेर में था जमाती
जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग ने जब चेन बनाने वाले बुजुर्ग की कुंडली खंगाली तो पता चला कि ये कोरोना पॉजिटिव दिल्ली से आए जमातियों के सम्पर्क में आया था। जिले के सिविल सर्जन पुरुषोत्तम कुमार के मुताबिक 60 साल का बुजुर्ग नालंदा के बिहारशरीफ तालबी मरकज में शामिल हुआ था। इसके बाद ये फारबिसगंज, सहरसा, अररिया, शेखपुरा और नवादा होते हुए छुप-छुपाकर 30 मार्च को मुंगेर पहुंचा था. न तो इसने ये बात अपने घरवालों को बताई और न ही समाज के किसी आदमी को.