Desk. देश में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट का नया स्वरूप AY-4 मिला है. यह मध्य प्रदेश के इंदौर में मिला है. यहां सात मरीजों के सैंपल की जीनोम सीक्वेंसिंग में यह वैरिएंट सामने आया है. हालांकि इस वैरिएंट को लेकर फिलहाल दुनिया भर में रिसर्च चल रही है. ऐसे में इसके नेचर को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन कई एक्सपर्ट ने इस वैरिएंट की संक्रामक क्षमता को पुराने वैरिएंट से तेज बताते हुए सावधानी बरतने की सलाह दी है.
महाराष्ट्र में मिला था पहला मामला
बताया जा रहा है कि कोरोना का AY-4 स्वरूप डेल्टा वैरिएंट का नया स्वरूप है. इसकी जानकारी देश में सबसे पहले अप्रैल में महाराष्ट्र में मिली थी. अब इंदौर में इससे संक्रमित मरीज मिले हैं. हालांकि अब इंदौर के सभी मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं और इन्हें या इनसे किसी को खतरा नहीं है. इंदौर में इस महीने मिली जीनोम सीक्वेंसिंग की रिपोर्ट में जिन लोगों में यह वैरिएंट मिला है, उनमें से 2 न्यू पलासिया, एक दुबे का बगीचा, तीन महू और एक अन्य जगह का रहने वाला है.
वहीं इस वैरिएंट को लेकर विशेषज्ञों का कहना है कि अभी इसे आईसीएमआर द्वारा टाइप-ए का वैरिएंट नहीं बताया गया, इसलिए अभी कुछ आकलन नहीं कर सकते और कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. फिर भी पूरी तरह से एहतियात बरतनी होगी और जिन लोगों में भी यह वैरिएंट पाया जाता है, उन्हें हर हाल में आइसोलेट करना होगा. जहां तक इस नए वैरिएंट के कहां से आने का सवाल है तो इसका जवाब देना मुश्किल है.
कोरोना प्रोटोकॉल का करें पालन
नए वैरिएंट वहां से आते हैं, जहां सैंपलिंग ज्यादा होती है. अभी दिल्ली, महाराष्ट्र और केरल में ज्यादा सैंपलिंग हो रही है. ऐसे में हो सकता है, यह वहां से आया हो. फिर भी लोगों को चाहिए कि इसे सहजता से न लें और पूरी तरह सावधानी बरतें. इन दिनों लोग काफी लापरवाही बरत रहे हैं. कई लोगों ने वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं लगवायी है. ऐसे में वैक्सीन लगवाने के साथ ही कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना बहुत जरूरी है.