DESK: कोरोना महामारी आज पूरे देश में फैली हुई है.इस बिमारी को आये हुये करीब 7 महीने बीत चुके है पर आज भी इस बिमारी की कोई भी सटीक दवा नहीं आयी है लेकिन कुछ ऐसी दवा है जो कोरोना के शुरुआती मरीजों को दी जाती है और इसी सिलसिले में खबर है कि फार्म सेक्टर की सबसे बड़ी कंपनी बायोकॉन की दवा इटोलीजुमैब को केंद्र सरकार ने मंजूरी नहीं दी है. कोविड-19 मरीजों के लिए बने नैशनल ट्रीटमेंट प्रोटोकॉल में इटोलीजुमैब शामिल नहीं है. जबकि करीब दो हफ्ते पहले, ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने इस दवा के मॉडरेट से गंभीर कोरोना मरीजों पर इस्तेमाल की अनुमति दे दी थी. बायोकॉन ने इटोलीजुमैब नाम से 25mg का इंजेक्शन लॉन्च किया था. अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस दवा के पक्ष में 'बहुत कम सबूत' होने का हवाला दिया है.
कम मरीजों पर हुआ था ट्रायल
हेल्थ मिनिस्ट्री ने एक नोट में कहा कि कोविड-19 नैशनल टास्क फोर्स ने पाया कि दवा के पक्ष में बेहद कम सबूत हैं. इससे पहले कई एक्सपर्ट्स भी दवा पर सवाल उठा चुके हैं क्योंकि बायोकॉन ने सिर्फ 30 मरीजों पर ट्रायल किया था.स्वास्थ मंत्रालय के बयान के बाद, बायोकॉन ने कहा कि टास्क फोर्स को और सबूत देखने की जरूरत है जो कंपनी मुहैया कराएगी. कंपनी ने कहा कि नैशनल कोविड टास्क फोर्स को और डेटा देखने की जरूरत है और हम उन्हें रियल वर्ल्ड डेटा देंगे ताकि कमिटी प्रोटोकॉल में दवा को शामिल न करने के फैसले पर पुर्नविचार करे. देशभर में करीब 1,000 मरीजों ने यह दवा यूज की है और नतीजे भी अच्छे रहे हैं. कंपनी ने ये भी कहा कि हम पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि हम पूरे देश में 200 मरीजों पर फेज 4 ट्रायल करने जा रहे हैं. यह ट्रायल 10-15 अस्पतालों में होंगे. स्टडी प्रोटोकॉल DCGI को सबमिट किया गया है और हम ट्रायल जल्द शुरू कर देंगे.
8 हजार की है इटोलीजुमैब की एक शीशी
इटोलीजुमैब पहली ऐसी बायोलॉजिक दवा थी, जिसे कोविड-19 के मरीजों के इलाज में प्रयोग की मंजूरी मिली थी. 25mg का इंजेक्शन ALZUMAb नाम से लॉन्च हुआ था. कंपनी ने इसकी कीमत का खुलासा नहीं किया था मगर बाजार में इटोलीजुमैब केइंजेक्शन का वॉयल 8,000 रुपये में मिल रहा है.