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कोरोना वाले चुनाव में तेजस्वी का नया अंदाज, भाषण से पहले करते है हाथों को साफ़

कोरोना वाले चुनाव में तेजस्वी का नया अंदाज, भाषण से पहले करते है हाथों को साफ़

PATNA कोरोना काल में हो रहा बिहार विधानसभा चुनाव का प्रचार अपने पूरे रंग में है। पहले चरण का प्रचार आज शाम को खत्म हो जाएगा। इस बार चुनाव आयोग ने काेरोना को देखते हुए कई नियम बनाए हैं। बावजूद इसके किसी भी रैली में इसका कहीं भी पालन होता  हुआ नहीं दिखाई दे रहा है। रैलियों में पब्लिक को तो छोड़िए अधिकांश नेता भी बिना मास्क के ही दिखते हैं। वहीं महागठबंधन से मुख्यमंत्री पद के दावेदार तेजस्वी यादव इस बार अपनी हर रैली में एक काम जरूर करते हैं। 

जैसे ही वह मंच पर बैठते हैं, कोराेना से बचाव के चलते वह अपना हाथ जरूर सेनेटाइज करते हैं। पहले से ही उनकी टीम यह संदेश दे देती है, जैसे ही तेजस्वी मंच में बैठते हैं कोई एक नेता सेनेटाइजर लेकर आता है और तेजस्वी के हाथ पर डालता है। इसके बाद तेजस्वी काफी देर तक दोनों पंजों को अच्छे से मिलाते हैं। सेनेटाइज करके बाद ही तेजस्वी भाषण देने जाते हैं। कई बार भाषण देने के बाद भी वह हाथ को सेनेटाइज करना नहीं भूलते। 


चुनाव प्रचार में तेजस्वी का अलग अंदाज 

नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव इस बार नए स्टाइल में भाषण दे रहे हैं। अभी औरंगाबाद के गांधी मैदान में आयोजित चुनावी सभा में वह कुछ अलग अंदाज में दिखे। भीड़ से लगातार बात करते रहे। वह लोगों से सवाल पूछते रहे और भीड़ उसका जवाब देती रही। उन्होंने कहा ... लड़े के बा, जीते के बा, करे के बा। इशारों में कहा कि कोई वोटकटवा आए, उस पर ध्यान नहीं देना है। एक-एक व्यक्ति को 10-10 वोट दिलवाने की व्यवस्था करनी है। उन्होंने कहा कि कोई पकाऊ भाषण देने नहीं आए हैं। हम ठेठ बिहारी हैं। उन्होंने भीड़ से कारखाना लगाने, रोजगार देने आदि के बारे में सवाल पूछा तो भीड़ ने ना, ना कह कर अपनी बात कही। कहा कि सत्ता में आने का एक मौका दीजिए, उम्मीदों को पूरा कर देंगे। 10 तारीख को नीतीश कुमार की विदाई तय है। 

उन्होंने कहा कि एनडीए के 15 वर्षों के शासन में गरीबी और बेरोजगारी बढ़ी है।  जो व्यक्ति 15 सालों में भी रोजगार नहीं दे सका, कारखाना नहीं लगा सका, भ्रष्टाचार नहीं रोक सका, वह अगले 15 सालों में भी कुछ नहीं कर सकता।अगर यहां सुविधा मिलती तो यहां के लोग पढ़ने के लिए कोटा व मजदूरी करने के लिए मजदूर दूसरे प्रदेशों में नहीं जाते। हमारी सरकार बनी तो प्रतियोगी परीक्षा की सभी फीस माफ की जाएगी। परीक्षा देने जाने वाले अभ्यर्थियों का किराया भी माफ होगा। जीविका, आंगनबाड़ी, विकास मित्र, आशा व अनुबंध पर कार्यरत अन्य कर्मियों के मानदेय में चार हजार रुपए तक की बढ़ोतरी होगी। 

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