पटना. विशेष निगरानी इकाई ने आय से अधिक संपत्ति मामले में बिहार राज्य पूल निर्माण निगम लिमिटेड के अभियंता अरविंद कुमार के ठिकानों पर छापा मारा है। इसमें निगरानी इकाई को बड़ी संख्या में जमीन और मकान के कागजात मिले हैं, जो इनकी वैध संपत्ति से 5 गुणा आधिक है। अनुमानों के अनुसार इंजीनियर ने पद का दुरुपयोग कर 5 करोड़ से अधिक की अवैध संपत्ति अर्जित की है।
विशेष निगरानी इकाई ने बिहार राज्य पूल निर्माण निगम लिमिटेड के अभियंता अरविंद कुमार के खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति का मामला दर्ज किया है। अरविन्द कुमार पर आरोप है कि सरकारी सेवा में रहते हुए उन्होंने गलत तरीके से अकूत सम्पत्ति अर्जित की है, जो कि उनके द्वारा प्राप्त वेतन एवं अन्य ज्ञात स्रोतों की तुलना में बहुत ही अधिक है। उन पर 1,51,30,580 रुपये की गैरकानूनी ढ़ंग से संपत्ति अर्जित करने के कारण भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा के अंतर्गत FIR दर्ज की गयी है।
विशेष निगरानी इकाई से मिली जानकारी के अनुसार अभियंता ने अपनी पत्नी एवं पुत्र लव कुमार के नाम से फुलवारी शरीफ कोरियाचक (पटना) में एक आवासीय प्लॉट खरीदा है, जिसका कीमत 600000 रुपये है। अभियंता अपनी पत्नी कंचन कुमारी सिन्हा के नाम से पटना सिटी कुम्हरार में एक आवासीय प्लॉट खरीदा है, जिसपर लगभग 25,00,000 रुपये का मकान बना है। साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी कंचन कुमार सिंहा एवं दोनों पुत्र कुश कुमार तथा वीर अभिमन्यू के नाम से रूकनपुरा, दानापुर रामगढ़ कोठी के पीछे एक आवासीय प्लॉट पर चार मंजिला मकान बनाया है, जिसकी संभावित लागत मूल्य 1,00,00,000 रुपये से ज्यादा है। आरोपी अभियंता ने खुद के नाम से दानापुर, सगुना मोड़ में आलीशान फ्लैट खरीदा है, जिसकी कीमत 35,00,000 रुपये है। आरोपी का बड़ी पहाड़ी, मंसुरनगर, बिहारशरीफ, नालंदा में स्थायी मकान है। आरोपी के पास 18,00,000 रुपये का एक चार पहिया वाहन Creta है। आरोपी के पास तीन मोटर साईकिल है, जिसका कीमत लगभग 1.50 लाख रुपये है। घर की तलाशी के दौरान 20 बैंकों का पास बुक एवं Expenditure receipt 20 लाख रुपये का प्राप्त हुआ है।
कुल मिलाकर अभी तक चल अचल सम्पत्ति प्रथम सूचना रिपोर्ट में वर्णित आय से अधिक सम्पत्ति की तुलना में लगभग 5 गुणा अधिक है, जिसकी कीमत लगभग 5 करोड़ रुपये है, जो कि उनके द्वारा अर्जित वैधानिक आय से कई गुणा अधिक है। अरविन्द कुमार ने निर्माण एवं आधारभूत संरचनाओं के टेण्डर में काफी अवैध सम्पत्ति बनाये हैं, जो विशेष निगरानी इकाई के अनुसंधान में आयेगा।