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मुस्लिम आरक्षण हटानेवाले बयान पर पलटवार करते हुए फातमी ने कहा, बीजेपी धर्म के नाम पर मुल्क को बांटकर करना चाहती है हुकूमत

मुस्लिम आरक्षण हटानेवाले बयान पर पलटवार करते हुए फातमी ने कहा, बीजेपी धर्म के नाम पर मुल्क को बांटकर करना चाहती है हुकूमत

DARBHANGA : अगले साल लोकसभा चुनाव होने हैं लेकिन इससे पहले ही राजनीति सरगर्मियां तेज हो गई है। एक ओर सत्ता पक्ष लोकसभा चुनाव से पूर्व अधिक से अधिक राज्यों में अपना वर्चस्व स्थापित करना चाहती है तो वहीं, दूसरे विपक्षी पार्टियां सत्ताधारी पार्टियों को पटकनी देने के फिराक में लगी हुई है। मुद्दों से वार और  उसपर फिर पलटवार लगातार जारी है। 

इसी सिलसिले में पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री सह जेडीयू के वरिष्ठ नेता मो. अली अशरफ फ़ातमी ने भी केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुस्लिम आरक्षण हटानेवाले बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि, भारतीय जनता पार्टी से, उनके होम मिनिस्टर से और केंद्र की सरकार से ऐसे ही एलनात सुनते रहिए। एक ओर उनके प्रधानमंत्री कहते हैं सबका साथ सबका और सबका विश्वास।

वहीं दूसरी ओर उनके लोग हिंदुस्तान में मुस्लिम आरक्षण जो कुछ राज्यों में मिले हुए हैं। उन्हें हटाना चाहती है। इसे ही तो कहते है विश्वास जितना। ये कुछ नहीं करना चाहते हैं सिर्फ घर्म के नाम पर मुल्क को बांटना चाहते हैं और हुकूमत करना चाहते हैं। ये अब चलनेवाला नहीं है। देश की जनता सब देख रही है वो क्या बोल रहे हैं और क्या करना चाहते हैं।

साथ ही, फ़ातमी ने बीजेपी सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि, आपको अगर काम करना है। तो मुल्क की तरक्की के लिए कीजिए। बिजली, पानी और नौकरी के लिए कीजिए, मुल्क के अंदर बेरोजगारी और महंगाई कीजिए, सरहद को महफूज़ रखिए। देश के अंदर भाईचारा कायम रहे। इसके लिए काम करना चाहिए। लेकिन ये इन मुद्दों को गौण कर फ़ालतू के बातों में लोगों को उलझाकर रखना चाहते हैं और मुल्क के मुख्य मुद्दों से भटकाना चाहते हैं।

बात दें कि, तमिलनाडु में एक चुनावी सभा के दौरान अमित शाह ने वहाँ लागू किए गये मुस्लिम आरक्षण को खत्म करने की बात कही थी। उन्होंने इसे गैर संवैधानिक करार दिया था। जिसके बाद से एंटी बीजेपी दलों में खलबली मच गई है। AIMIM के मुखिया ने भी इस पर पलटवार किया है और अब बिहार से भी वार होना शुरू हो गया है।

अब देखना होगा कि, इस वार पलटवार से मौजूदा समय में होनेवाले चुनाव पर क्या असर डालता है और इसका आगामी होनेवाले लोकसभा चुनाव में क्या असर डालता है?

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