DESK. मौत से जुड़े एक मामले में कथित आरोप लगाना और कोर्ट में सुनवाई के दौरान पेश नहीं होना कर्नाटक के मुख्यमंत्री को भारी पड़ गया. अब कोर्ट ने मुख्यमंत्री सहित उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों पर न सिर्फ जुर्माना लगाया है बल्कि तल्ख टिप्पणी करते हुए एक आदेश भी जारी किया है. कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य के मुख्यमंत्री सिद्दरामैया सहित राज्य कैबिनेट मंत्री एमबी पाटिल, रामलिंगा रेड्डी और कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है. साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में उन्हें जन प्रतिनिधियों की अदालत में शारीरिक रूप से पेश होने के लिए कहा है.
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने सीएम सिद्दरामैया को 6 मार्च, परिवहन मंत्री रामलिंगा रेड्डी को 7 मार्च, कांग्रेस के कर्नाटक प्रभारी आरएस सुरजेवाला को 11 मार्च और भारी उद्योग मंत्री एमबी पाटिल को 15 मार्च को अदालत में पेश होने के लिए कहा गया है. दरअसल, बेंगलुरु में ठेकेदार संतोष पाटिल की मौत के मामले में कथित तौर पर केएस ईश्वरप्पा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर वर्तमान सीएम सहित कांग्रेस नेताओं ने अप्रैल 2022 को एक विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। उसी दौरान उनके द्वारा कई किस्म के आरोप लगाए गए थे. इसे लेकर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया. अब उसी मामले में सुनवाई से कांग्रेस नेता अनुपस्थित चल रहे हैं.
कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया और सीएम सिद्दरामैया सहित अन्य पर जुर्माना लगा दिया. न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की एकल न्यायाधीश पीठ ने आरोपी द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया और सिद्धारमैया को 6 मार्च को विशेष अदालत के सामने पेश होने का निर्देश दिया। आरोप है कि 14 अप्रैल 2022 को सुरजेवाला, डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के नेतृत्व में 35-40 सदस्यों का एक समूह तत्कालीन मंत्री केएस ईश्वरप्पा के इस्तीफे की मांग करते हुए नारे लगाते हुए सीएम आवास की ओर सड़क पर प्रवेश किए. उन पर आईपीसी की धारा 143 और कर्नाटक पुलिस अधिनियम, 1963 की धारा 103 के तहत गैरकानूनी सभा के लिए मामला दर्ज किया गया था।