HAJIPUR : वैशाली जिले व्यवहार न्यायालय ने यहां के समाहरणालय को ही नीलाम करने का नोटिस जारी कर दिया है। यह नोटिस एडीजे ज्योति कुमारी ने कोर्ट ने जारी किया है। जिसमें 18 मई तक जिला प्रशासन को अपना जवाब देने के लिए कहा गया है।
पांच साल पुराने मामले में की कार्रवाई
यह नोटिस पांच साल पहले हुए सड़क एक्सीडेंट में हुई मौत के मुआवजे के मामले से जुड़ा है। जिले के बिदुपुर के चकसिकंदर निवासी साहेबजान खलीफा के पुत्र एम खलीफा की सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. मौत का कारण रोड बनाने वाली रोड रोलर बताया गया था. रोड रोलर बिहार सरकार के अधीन थी। मामले में पीड़ित पक्ष के वकील अविनाश कुमार ने बताया कि साहेबजान खलीफा ने अपने पुत्र की मृत्यु के बाद एक केस दर्ज कराया था
2019 में हाजीपुर व्यवहार न्यायालय के एडीजे 7 की अदालत ने बिहार सरकार को मुआवजा देने का निर्देश दिया था। मुआवजे की रकम जो कि आठ लाख 10 हजार थी, वह सरकार को भुगतान करना था। लेकिन, इसी दौरान कोरोना आ गया। कोरोना के बाद फिर फाइल किया गया. 2021 में फाइल करके स्टेट को पर्याप्त समय दिया गया. इसके बाद भी स्टेट ना तो अपील में गई ना ही मुआवजे का भुगतान किया।
अब इसी मामले में कोर्ट ने सरकार की लापरवाही को लेकर जिला समाहरणालय को नोटिस जारी कर दिया। पीड़ित पक्ष के एडवोकेट ने बताया कि "सिविल में यह प्रक्रिया है कि किसी प्रॉपर्टी को नीलाम किया जाएगा उस पर कोर्ट को नोटिस देना होता है कि इसका हम अटैचमेंट कर रहे हैं. इसको नीलम पर चढ़ाएंगे. आपकी देनदारी है आप इसका भुगतान कर दो या हम नीलम पर चढ़ाएंगे. हमने कलेक्ट्रेट लिख दिया था बिहार सरकार की संपत्ति इसलिए कलेक्ट्रेट को अटैच करने का नोटिस किया गया है कि यह संपत्ति नीलामी पर चढ़ेगी।"