डेस्क... बिहार में लूट और हत्या का सिलसिला थम नहीं रहा है। सूबे की राजधानी हो या सुदूर क्षेत्र अपराधी बेखौफ वारदात को अंजाम देने में लगे हैं। ताजा मामला मोकामा से है जहां दो लाख की रंगदारी नहीं देने पर एफसीआई के कर्मी को गुरुवार की देर रात गोली मार दी। गोली लगने की बाद गंभीर हालत में जख्मी कर्मी को बेगूसराय के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। हालक इस पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही भी सामने नजर आ रही है।
बताया जाता है कि दाे लाख की रंगदारी नहीं देने पर 55 वर्षीय एफसीआई कर्मी सरयुग महतो को अपराधियों ने गोली मार दी। घटना घोसवरी थाना के रामनगर में घटी है। अधेड़ को तीन गोलियां लगी है। गंभीर हालत में उन्हें बेगूसराय ले जाया गया है। जानकारी के मुताबिक, सरयुग दालान के कमरे में सो रहे थे। अचानक अपराधियों ने खिड़की से ताबड़तोड़ गोलीबारी शुरू कर दी। गोली लगने से वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना की सूचना पर परिजन मौके पर पहुंचे। वहीं घायल को स्थानीय डॉक्टर के पास ले जाया गया। लेकिन, हालत गंभीर होने को लेकर उन्हें तुरंत बेगूसराय रेफर कर दिया गया।
पुलिस की लापरवाही आई सामने
अपराधियों ने 13 दिसंबर और 16 दिसंबर को घर के दरवाजे पर पर्ची चिपकाकर दो लाख रुपए की रंगदारी मांगी थी। नहीं देने पर जान से मारने की धमकी दी गई थी। पीड़ित ने इसकी सूचना पुलिस को दी लेकिन शरारती लोगों की करतूत मानकर पुलिस ने मामले को गंभीरतापूर्वक नहीं लिया।
कुछ समय पहले पोत का भी कर लिया था अपहरण
मालूम हो, आठ माह पहले एफसीआई कर्मचारी के पोते को अगवा कर लिया गया था। वहीं पांच लाख रुपए की फिरौती मांगी गई थी। हालांकि उस वक्त पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया था। वहीं अपराधियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया था। बताया जा रहा है कि अपहरण की घटना में शामिल अपराधी जमानत पर फिलहाल जेल से बाहर हैं। पुलिस घटना के बाद छापेमारी में जुटी है।