दिल्ली. हेलिकॉप्टर हादसे मौत का शिकार हुए सीडीएस बिपिन रावत को श्रधांजलि देने शुक्रवार को दिल्ली की सडकों पर भारी भीड़ उमड़ी. नम आँखों और गमगीन माहौल में हर किसी की जुबां पर जनरल रावत की वीरता, पराक्रम और शौर्य चर्चा रही. जनरल रावत का पार्थिव शरीर जिन सडकों से गुजरा उस रस्ते में अपने सर्वोच्च सेना नायक को अंतिम विदाई देने दे लिए सड़क के दोनों ओर लोगों की भीड़ उमड पड़ी.
जब तक सूरज चाँद रहे, जनरल रावत का नाम रहेगा जैसे गगनभेदी नारों के बीच लोगों ने रावत को अंतिम विदाई दी. इसके पूर्व शुक्रवार सुबह से उनके दिल्ली स्थित आवास पर कुछ प्रमुख राजनेताओं और पारिवारिक सदस्यों का आना जाना लगा रहा. सबने उनके परिवार के सदस्यों को ढांढस बंधाया. साथ ही जनरल रावत के पराक्रम को लोगों ने स्मरण किया.
वहीं शुक्रवार को ही हादसे में दिवंगत हुए अन्य 12 लोगों को भी अंतिम विदाई दी गई. प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आदि ने पुष्पचक्र अर्पित कर जवानों को श्रधांजलि दी. वहीं जनरल रावत के अंतिम संस्कार के दौरान उन्हें सेना की ओर से 17 तोपों की सलामी दी जाएगी. इस दौरान सेना के करीब 800 जवान मौजूद रहेंगे.
हादसे में जान गंवाने वाले ब्रिगेडियर एलएस लिड्डर को भी पालम एयरपोर्ट पर लोगों ने भावुक अंदाज में विदाई दी. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, उनकी पत्नी गातिका लिड्डर ने कहा कि हमें उन्हें हंसते हुए एक अच्छी विदाई देनी चाहिए. जिंदगी बहुत लंबी है, अब अगर भगवान को ये ही मंजूर था. इस दौरान उनकी 17 साल की बेटी ने भी पिता के पराक्रम को याद किया.