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नक्सलियों से लोहा लेने वाले सीआरपीएफ जवान की जमीन पर दबंगों का कब्ज़ा, दर-दर की खा रहा ठोकरें

नक्सलियों से लोहा लेने वाले सीआरपीएफ जवान की जमीन पर दबंगों का कब्ज़ा, दर-दर की खा रहा ठोकरें

GAYA : छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेते हुए गोली से घायल हुए सीआरपीएफ जवान योगेंद्र कुमार यादव पराक्रम मेडल से सम्मानित हो चुके है. लेकिन अब इनकी जमीन पर दबंगो ने कब्जा कर लिया तो इनकी सुनने वाला कोई नही है. सीओ से लेकर डीएम और सीएम से लेकर पीएम तक गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. जिसके बाद जवान ने एक वीडियो बनाकर उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया ताकि उनके बातों को कोई गंभीरता से ले. 

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें खुद को सीआरपीएफ जवान बताने वाला युवक कह रहा है कि जो देश की रक्षा के लिए गोली चला सकता है, वो परिवार की रक्षा के लिए भी गोली चला सकता है,लेकिन कानून में बंधे होने के कारण ऐसा कदम नही उठाएंगे. जब मीडिया के माध्यम से इस वीडियो की पड़ताल की गयी तो ये वीडियो गया के टनकुप्पा के रहने वाले सीआरपीएफ जवान योगेंद्र कुमार यादव का निकला है. जो मानपुर के भुसुंडा के पास बुद्ध विहार कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहते है. पीड़ित जवान योगेंद्र कुमार यादव फिलहाल औरंगाबाद के नक्सल क्षेत्र देव में सीआरपीएफ के कोबरा में पोस्टेड है और छुट्टी में घर आये हुए हैं. 

जवान ने वायरल वीडियो में क्या कहा....

जब भी कोई जवान देश की रक्षा के लिए शहीद हो जाते हैं तो श्रद्धांजलि देने के लिए पूरा देश आगे आता है. नेता से लेकर समाजसेवी, जिला प्रशासन से लेकर स्थानीय सैकड़ों लोग शामिल होते हैं. लेकिन जब जवान के साथ कोई समस्या होती है तो वे अपनी समस्या को हल कराने के लिए सरकारी दफ्तरों का चक्कर काटते काटते थक जाता है. लेकिन उनकी सुनने वाला कोई अधिकारी नहीं होता है. छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से लोहा लेने के क्रम में नक्सलियों के गोली से घायल हुए सीआरपीएफ के जवान योगेंद्र कुमार यादव के जमीन पर गांव के दबंगों का कब्जा है. जिसे छुड़ाने के लिए जवान ड्यूटी से छुट्टी लेकर घर आते हैं. अपनी समस्या को लेकर सीओ, स्थानीय थाना, एसडीओ,एसएसपी, डीएम तक गुहार लगाए हैं. इससे भी बात नहीं बनी तो जवान ने सीएम और पीएम को भी पत्र लिखकर अपना समस्या से अवगत कराया है. लेकिन फिर भी कोई सुनने वाला नहीं है. सीआरपीएफ 153 बटालियन के कमांडेंट ने भी गया डीएम को अपने जवान की समस्या को हल कराने के लिए पत्र लिखा है. लेकिन उनकी बातों को भी अनसुनी कर दिया गया. यह सिलसिला 1 साल से चल रहा है. अब जवान जाए तो कहां जाए. इसी से क्षुब्ध जवान ने एक वीडियो बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. जवान योगेंद्र कुमार यादव को पराक्रम पदक से भी सम्मानित किया जा चुका है. 

सीआरपीएफ जवान योगेंद्र ने बताया की मैं पिछले एक साल से प्रताड़ित हो रहा हूं. सीओ से लेकर डीएम तक और सीएम से लेकर पीएम तक  गुहार लगा चुके है. लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. किसी ने कोई मदद नहीं की, तो मजबूरी में वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. जब भी छुट्टी पर आता हूं तो सरकारी कार्यालय का चक्कर काटते ही समय बीत जाता है. मेरी समस्या को लेकर मेरे बटालियन 153 वीं के कमांडेट ने भी जिलाधिकारी को पत्र भेजा है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है. 

उन्होंने कहा कि जब जवान शहीद हो जाता हैं तो हर कोई आता है. नेता से लेकर जिला प्रशासन तक सैल्यूट  मारने के लिए आते हैं. लेकिन जब हमें ही जमीन से कब्जा नहीं मिल रहा है. तो क्या कहें. उन्होंने कहा कि मेरा राइटिंग जमीन गांव पर है. लेकिन गांव के ही कुछ दबंगों ने उस पर कब्जा कर लिया. स्थानीय सीओ के मदद से जमीन का सीमांकन भी करा दिया गया. लेकिन अभी तक अपने जमीन पर बाउंड्री नहीं करा पाया. जब सीओ के निर्देश के बाद जब अपनी जमीन पर बाउंड्री वॉल के लिए गया तो दबंगों ने रोक दिया. इस मामले में टनकुप्पा में 10 से 11 लोगों पर मामला भी दर्ज कराया हूं. उन्होंने अपने सीने पर मेडल को दिखाते हुए कहा कि यह मेडल मैंने कोई दुकान से नहीं खरीदा है. बल्कि नक्सलियों से इनकाउंटर में लड़ने के बाद हम घायल भी हुए. जिसके बाद हमें पराक्रम पदक से भी सम्मानित किया गया है. आज मुझे सहायता करने वाला कोई नेता भी नहीं है. वही जब टनकुप्पा प्रखण्ड के अंचलाधिकारी छोटेलाल से फोन पर संपर्क किया तो उन्होंने बताया कि मैं थानाध्यक्ष के साथ जाकर मामले की जांच करूंगा. सीआरपीएफ जवान ने अपने जमीन का कागज प्रस्तुत किया है. लेकिन अगले पक्ष ने अभी तक कागजात नहीं दिखाया है. 

गया से मनोज कुमार की रिपोर्ट

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