कटिहार. पारंपरिक खेती से अलग हटकर एक पिता-पुत्र की जोड़ी शिमला मिर्च की खेती को नया आयाम दे रहे हैं. कोढ़ा प्रखंड के दिघरी गांव के अरुण कुमार संभ्रांत किसानों की गिनती में आते हैं, जबकि बेटा आर्यन शहर के प्रतिष्ठित विद्यालय से अपने शिक्षा समाप्त कर फिलहाल एक प्रतिष्ठित कॉलेज के छात्र हैं. ऐसे में इन लोगों के नई तकनीक के सहारे कम मेहनत के साथ अधिक मुनाफे वाले इस खेती को देखकर अब कई अन्य किसान भी आकर्षित होने लगे हैं.
कृषि विभाग में सीमांचल के इलाके में इतने बड़े स्तर पर शिमला मिर्च उर्फ कैप्सिकम की खेती के इस स्तर तक ले जाने के लिए इस पिता-पुत्र को नजीर मानते हैं. शिमला मिर्च की खेती के सहारे बदलते इस इलाके की कृषि की नई संभावनाओं पर शिमला मिर्च की खेती करने वाले किसान, उनके पुत्र बेहद खुश है.
वहीं कृषि विभाग के अधिकारी भी मानते हैं कि इस पिता-पुत्र के प्रयासों ने इलाके में शिमला मिर्च की खेती को लेकर किसानों में नई संभावना को जागृत किया है.