VAISHALI : बिस्कुट के अंदर जानवर का बाल निकलने पर उपभोक्ता को मुआवजा नहीं देने पर उपभोक्ता न्यायालय ने कंपनी के डायरेक्टर को गिरफ्तार करने के लिए वारंट जारी किया है। मुकदमें में परिवादी की ओर से अधिवक्ता संजीत कुमार ने बताया की वर्ष 2016 में बिस्किट कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया गया था। उन्होंने बताया कि जिला उपभोक्ता फोरम ने अपने फैसले में एक बिस्कुट कंपनी को बाल के साथ बिस्कुट में केश पाए जाने पर कंपनी को दोषी पाते हुए परिवादी को 70280 रुपए का भुगतान करने का आदेश दिया है। फोरम के अध्यक्ष सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने पातेपुर थाने के शक्तिशाली सिंह, जो पेशे से अधिवक्ता है।
इनके द्वारा वर्ष 2016 में बिस्किट कंपनी के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम में वाद दायर किया गया था। बिस्कुट के डिब्बा में रखे एक बिस्कुट में जानवर का मोटा बाल सटा हुआ पाया गया। वादी और उसका भतीजा कामदेव निरंतर इस बिस्कुट काे उपयोग किया करते थे। परिवादी ने यह भी आरोप लगाया कि डब्बे के इस बिस्कुट को खाने से उसके भतीजे को पेट की बीमारी हो गयी और उसकी आंख की रोशनी चली गयी थी।
न्यायालय ने आरोप को सही पाते हुए दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद 70 280 का क्षतिपूर्ति देने का आदेश पारित किया था। लेकिन मुआवजा राशि 60 दिन के अंदर भुगतान नहीं होने पर परिवार शक्तिशाली ने विविध वाद 15/ 2019 दायर किया। मामले की सुनवाई करते हुए उपभोक्ता फोरम के अध्यक्ष सुबोध कुमार श्रीवास्तव ने कंपनी के मैनेजिंग डाइरेक्टर पर वारंट जारी किया है।
वैशाली से विकास महापात्रा की रिपोर्ट