बिहार उत्तरप्रदेश मध्यप्रदेश उत्तराखंड झारखंड छत्तीसगढ़ राजस्थान पंजाब हरियाणा हिमाचल प्रदेश दिल्ली पश्चिम बंगाल

LATEST NEWS

दादा ने बनाया था सोमनाथ मंदिर, अब पोते पर है राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी, जानिये कौन है सोमपुरा परिवार ?

दादा ने बनाया था सोमनाथ मंदिर, अब पोते पर है राम मंदिर के निर्माण की जिम्मेदारी, जानिये कौन है सोमपुरा परिवार ?

 DESK: अयोध्या में बनने वाले रामंदिर के भूमि पूजन की तारीख तय हो गयी है. मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्‍त को होगा. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो, खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस भूमि पूजन में शामिल हो सकते हैं. बता दें कि शनिवार को राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की बैठक के बाद ये ऐलान हुआ कि सोमपुरा परिवार ही राम मंदिर का निर्माण करेगा. गौरतलब है कि सोमनाथ मंदिर का निर्माण गुजरात से नाता रखने वाले सोमपुरा परिवार के द्वारा ही किया गया था.और राम मंदिर का डिजाईन भी तत्कालीन विश्व हिंदु परिषद के अध्यक्ष के आग्रह पर सोमपुरा परिवार से आने वाले शिल्पकार चंद्रकांत ने ही तैयार किया था .

सोमपुरा परिवार ही करेगा राम मंदिर का निर्माण

 शनिवार को ट्रस्ट की बैठक के बाद चंपत राय ने कहा कि सोमपुरा परिवार ही राम मंदिर का निर्माण करेगा, सोमनाथ मंदिर का निर्माण इसी परिवार ने किया था. उन्होंने कहा कि चंद्रकांत सोमपुरा के बनाये मॉडल में कुछ बदलाव किया गया है. प्रस्तावित मंदिर 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें अब तीन के बजाय पांच शिखर बनाये जायेंगे. मंदिर निर्माण समिति के चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने गुरुवार को अयोध्या का दौरा किया था और उनके साथ कई जाने-माने इंजीनियरों का एक दल अयोध्या पहुंचा, जो निर्माण स्थल का जायजा ले रहें  है. प्रस्तावित राम मंदिर का मॉडल तैयार करनेवाले वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा और उनके बेटे निखिल सोमपुरा भी अयोध्या में ही  रहते हैं.

कौन है सोमपुरा परिवार

1987 में अयोध्या में राम मंदिर की डिजाइन को शिल्पकार चंद्रकांत सोमपुरा ने ही तैयार किया था. चद्रकांत सोमपुरा ने 1987 में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के तत्कालीन अध्यक्ष अशोक सिंघल के आग्रह पर मंदिर की डिजाइन तैयार की थी. गुजरात से नाता रखने वाला सोमपुरा परिवार ने ही सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था. चंद्रकांत के दादा ने ही गुजरात में सोमनाथ मंदिर का निर्माण किया था. सोमपुरा परिवार पीढ़ियों से मंदिर निर्माण के काम में ही लगा हुआ है.

60 मीटर गहरे तक देखी जा रही जमीन की मजबूती

जानकारी के मुताबिक  निर्माण स्थल के समतलीकरण का काम लगभग पूरा हो चुका है. काम की प्रगति से ट्रस्ट के सभी सदस्य संतुष्ट हैं. चंपत राय ने बताया  कि लार्सन एंड टुब्रो कंपनी मिट्टी की जांच के लिए सैंपल इकट्ठा कर रही है. 60 मीटर नीचे तक जमीन की मजबूती देख कर ही मंदिर की नींव डाली जायेगी.

Suggested News