PATNA – यह हम नहीं कह
रहे... तेजस्वी यादव के विधानसभा इलाके के दलितों का ही यह आरोप है. दरअसल दो दिन
पहले तेजस्वी के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के मलिकपुर में राजद समर्थक यादव जाति
के लोगों ने दो दर्जन से ज्यादा दलितों के घर को फूंक डाला. दलितों का घर जलाने से
पहले राजद समर्थकों ने उनके घरों में न केवल लूटपाट की बल्कि दलितों के साथ मारपीट
भी की. मलिकपुर के दलित डर के साये में जी रहे हैं.
राघोपुर में यादव राज़
मलिकपुर गांव में रहने वाले
दलित परिवारों को यादव जाति के लोगों ने चुन – चुनकर निशाना बनाया है. दलित अपनी बस्ती
के चारों तरफ बसे यादवों के खौफ़ से परेशान हैं. दलितों का आरोप है कि तेजस्वी यादव
के राघोपुर से विधायक बनने के बाद उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है. दलितों
के मुताबिक यादवों की दबंगई चरम पर है. राघोपुर में सभी अधिकारी भी यादव जाति के
ही हैं इसलिए उनकी फ़रियाद भी कोई नहीं सुन रहा. हद तो यह है कि शिकायत करने पर
उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी जा रही है.
तेजस्वी ने दिखाया था दलित
प्रेम
पिछले कुछ अरसे से तेजस्वी
यादव ने दलित राजनीति का कार्ड बड़ी तेजी से खेला है. दलितों को लेकर तेजस्वी भाजपा
और जदयू पर हमलावर भी रहे हैं लेकिन अब उनके खुद के विधानसभा क्षेत्र में दलितों
को निशाना बनाया गया है. दलितों को निशाना बनाने वाले तेजस्वी के समर्थक हैं इसलिए
शायद अबतक तेजस्वी दलितों को मरहम लगाने भी नहीं पहुंचे हैं.
भीम आर्मी पहुंची मदद को
तेजस्वी से निराश और सिस्टम
से हताश मलिकपुर के दलितों के बीच भीम आर्मी सबसे पहले मदद को पहुंची है. भीम
आर्मी के नेता अमर आज़ाद ने आज मलिकपुर में दलितों से मुलाक़ात कर संघर्ष का एलान
किया है. भीम आर्मी ने मलिकपुर के दलितों का घर जलाने वाले दोषियों पर कार्रवाई
नहीं होने की स्थिति में अगले दो से तीन दिनों में आन्दोलन की चेतावनी भी दी है.
तेजस्वी की राजनीति के लिए
बड़ा झटका
बिहार में एनडीए को टक्कर
देने की कोशिश में लगे तेजस्वी यादव के लिए राघोपुर क्राइसिस अबतक का सबसे बड़ा
संकट है. एक तरफ तेजस्वी के समर्थक हैं तो वहीँ दूसरी तरफ वह दलित जिन्हें 2019 के
लिए खुद से जोड़ने की रणनीति उन्होंने तैयार की है. मामला तेजस्वी के विधानसभा
क्षेत्र का है इसलिए बहुत ज्यादा दिनों तक इसे नज़रंदाज़ भी नहीं कर सकते. देखना
होगा तेजस्वी इस संकट का हल कैसे निकालते हैं.