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अयोध्या को दंड प्रणाम- अहिल्या धाम से अयोध्या की दंडी यात्रा पर निकले दंपत्ति, पुत्र के साथ जीवन के सच्चे अर्थों को जानने लिए चुनी कठिन राह

अयोध्या को दंड प्रणाम- अहिल्या धाम से अयोध्या की दंडी यात्रा पर निकले दंपत्ति, पुत्र के साथ जीवन के सच्चे अर्थों  को जानने लिए चुनी कठिन राह

GOPALGANJ: मिथला के अहिल्या धाम से दंडी यात्रा (जमीन पर लेट कर) पर निकले पति पत्नी मंगलवार को गोपालगंज पहुंचे। उनके यात्रा में करीब चार अन्य लोग भी पैदल यात्रा कर रहे है। जो भी इन्हें देखता एक बार जरूर अपने कैमरे में कैद करना चाहता। भगवान के प्रति आस्था देख कर लोगों ने उनके यात्रा को सफल बनाने के लिए शुभकनाए दी। 

दरअसल, कहा जाता है कि अगर हमारे मन में भगवान के प्रति आस्था है, तो हम कोई भी कठिन कार्य कर सकते हैं। अगर भगवान श्रीराम के प्रति आस्था देखनी हो तो इन दंडी यात्री को देखा जा सकता है। अमूमन लोग किसी भी लोगों द्वारा अगर कोई यात्रा शुरू की जाती है तो या तो वाहन से करते है या फिर पैदल लेकिन राम के प्रति आस्था देख कर हर कोई अचंभित है कि आखिर लेट कर 5 सौ से ज्यादा की यात्रा सहज नहीं है। 

बता दें कि इस यात्रा को शुरुआत मिथला दरभंगा के अहियारी गांव निवासी कामेश्वर कुमार मिश्रा ने अपनी पत्नी जो अहिल्या मां के मंदिर की मुख्य पुजारी है के साथ 24 अक्टूबर से शुरू की थी। जो दो माह एक दिन पर गोपालगंज पहुंची। इनके साथ चारा अन्य लोग जो पैदल ही यात्रा कर रहे हैं। जिसमें एक दस वर्ष का बालक भी शामिल है। इस संदर्भ में कामेश्वर मिश्रा ने कि वे भगवान श्रीराम के भक्त हैं। इसी मन में ख्याल आया कि भगवान श्रीराम के दरबार में पहुंच कर पूजा पाठ और दर्शन कर अहिल्या मां  के जैसे ही हमारा उद्धार हो। 

उन्होंने बताया कि यह यात्रा दरभंगा, मधुबनी, जनकपुर रोड, सीतामढ़ी, शिवहर और पूर्वी चंपारण होते हुए आज गोपालगंज पहुंचे है। अभी तक करीब 2सौ की यात्रा पूरी कर चुका हूं। उन्होंने बताया कि उनके साथ उनकी पत्नी अवंतिका उर्फ  किशोरी जी जो दंडी यात्रा में शामिल है। साथ ही इस यात्रा में पैदल यात्रा करने वाले बबलू मिश्रा, गोविंद ठाकुर, विंदेश्वर कुमार के साथ दस वर्षीय बच्चा करण कुमार शामिल है। उन्होंने बताया कि अयोध्या तक की यात्रा में वे जमीन पर लेट कर चलते हैं। यह यात्रा बहुत कठिन है, लेकिन भगवान के प्रति आस्था के कारण उन्हें कोई कठिनाई नहीं आती है।

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