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बिटिया को अफसर बनाने के लिए अपराधी बन गया पिता

बिटिया को अफसर बनाने के लिए अपराधी बन गया पिता

PATNA :  क्या कोई आदमी अच्छे मकसद को पूरा करने के लिए गलत तरीक अपना सकता है ?   क्या कोई अपने बच्चे की बेहतर पढ़ाई के लिए अपराधी बन सकता है ? इन सवालों का जवाब हां है और इस जवाब ने पुलिस को हैरान कर दिया है। अपनी बेटी को अफसर बनाने के लिए जब एक शख्स पैसा नहीं जुटा पाया तो वह अपराध की दुनिया में दाखिल हो गया।

‘अफसर बिटिया’ सीरियल देख कर आया ख्याल

वैशाली पुलिस ने जिन चार करोड़पति डकैतों को गिरफ्तार किया है उनमें से एक रामकिशोर सिंह भी है। रामकिशोर सिंह पटना सिटी के पटनदेवी मुहल्ला का निवासी है। रामकिशोर सिंह पहले मुम्बई में सिक्यूरिटी गार्ड की नौकरी करता था। उसकी तनख्वाह 6 हजार रुपये थी जिससे उसके घर का खर्चा ही मुश्किल से चलता था। उसकी एक बेटी पढ़ने में बहुत तेज थी। इसी दरम्यान उसने टेलीविजन पर अफसर बिटिया सीरियल देखी। ये सीरियल जी टीवी पर दिसम्बर 2011 से दिसम्बर 2012 तक चला था। जब-जब वह यह सीरियल देखता, उसके मन में भी अपनी बेटी को अफसर बनाने तमन्ना जोर मारने लगती। 

पटना के बड़े स्कूल में बेटी का कराया एडमिशन 

रामकिशोर सिंह ने अपना सपना पूरा करने के लिए बेटी का नाम पटना के सबसे अच्छे, संत जोसेफ स्कूल में लिखा दिया।  उसका ख्याल था कि इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ कर उसकी बेटी बड़ा नाम करेगी। वह अपनी बेटी में टीवी सीरियल- अफसर बिटिया के किरदार कृष्णा का अक्श देखने लगा। उसने सीरियल में देखा था कि कैसे गरीब कृष्णा ने अपनी शानदार पढ़ाई के बल पर पूरे घर का नक्शा बदल दिया था। इस सीरियल का कथानक बिहार के भागलपुर से जुड़ा था।

पढ़ाई का खर्चा नहीं जुटा

रामकिशोर ने बेटी का नाम तो बड़े स्कूल में लिखा दिया लेकिन उसका खर्च वह नहीं जुटा पा रहा था। स्कूल की फीस भी नहीं जुट रही थी। फीस नहीं देने पर स्कूल में बेटी से टोका टोकी होने लगी तो वह परेशान हो गयी। बेटी की हालत देख कर रामकिशोर चिंता में पड़ गया। आमदनी बढ़ नहीं रही थी और खर्चा मुंह बाये खड़ा था। अंत में उसने पैसा जुटाने के लिए गलत रास्ता अख्तियार कर लिया। एक बार वह गलत रास्ते पर चला तो फिर धीरे-धीरे बड़ा अपराधी बन गया।

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