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मोतिहारी में संदिग्ध जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या हुई 26, शराब मामले में निलंबित थानेदार पर तीन साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

मोतिहारी में संदिग्ध जहरीली शराब से मरने वालों की संख्या हुई 26, शराब मामले में निलंबित थानेदार पर तीन साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई

मोतिहारी: बिहार में पुलिसवाले ही शराबबंदी कानून को तार-तार करते हैं. पुलिसवालों पर सख्त एक्शन नहीं होने का नतीजा है कि सीएम नीतीश की लाख कोशिश के बाद भी शराब पर अंकुश नहीं लग रहा। आखिर शराब की सप्लाई पर अंकुश लगे भी तो कैसे...इस अवैध धंधे में संलिप्त पुलिसवालों के खिलाफ पिक-एंड चूज पॉलिसी जो अपनाई जाती है। मोतिहारी का यह बड़ा हाईप्रोफाइल मामला है जिसमें आरोपी थानेदार के खिलाफ तीन साल बाद भी विभागीय एक्शन नहीं हुआ। जबकि इससे कम जुर्म वाले शराब कांड में आरोपी थानेदार (दारोगा) को बर्खास्त किया जा चुका है। आज भी शराब माफिया तत्कालीन थानेदार पुलिस की सेवा  में बना हुआ है। वरीय पदादिकारी के मेहवानी से शराब माफिया तत्कालीन थानेदार अभी भी ड्यूटी पर जिला में तैनात है ।

अब स्थानीय लोगों का कहना है कि शराब माफिया पुलिस वाले पर सख्त करवाई नही होने का नतीजा है कि आज जिला में जहरीली शराब मौत का कहर ढाह रही है । इधर तीन दिनों में जहरीली पेय पदार्थ पीने के जिला के हरसिद्धि, तुरकौलिया, पहाडपुर व सुगौली में ग्रामीणों के अनुसार अब तक 26 लोगो की मौत हो गयी है। वहीं दो दर्जन से अधिक लोग सरकारी व प्राइवेट अस्पताल में भर्ती है। जिसमे कई की स्थिति नाजुक बनी हुई है। हरसिद्धि थाना क्षेत्र में पिता पुत्र की सन्दिग्ध मौत पर पुलिस व प्रशासन दिनभर डायरिया होने की बात कह पर्दा डालती रही ।लेकिन जब मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा व अस्पताल में भर्ती लोग शराब पीने की बात कहने लगे तो प्रशासन की कुंभकर्णी नींद खुली ।

जिला प्रशासन शनिवार शाम प्रेस विज्ञप्ति जारी कर 11 की मौत की पुष्टि किया है । अगर शुक्रवार को ही पुलिस प्रशासन जागरूक हुआ होता तो शायद इतनी बड़ी मरने वाले कि संख्या नही पहुचती। वही शराब तस्करों के विरुद्ध सघन अभियान चलाकर अबतक एक दर्जन से अधिक तस्कर को गिरफ्तार किया गया है।

जानें क्या था पूरा मामला  : 22 जून 2020 को एसपी के निर्देश पर तुरकौलिया थाना में अवैध शराब रखने को लेकर एएसपी व मुफसिल इंस्पेक्टर के द्वारा छापेमारी की गई थी। रेड में बड़ा खुलासा हुआ था। बिना जब्ती सूची के लगभग एक हज़ार लीटर स्प्रिट व देशी शराब जब्त किया गया। शराब जब्त करने के बाद मैनेजिंग का 24 घंटा हाई लेबल ड्रामा चला था । पहले अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज करने की बात आई। लेकिन मीडिया में खबर आने के बाद अंत मे प्राथमिकी दर्ज कराया गया। उसके बाद प्रभारी थानेदार के आवेदन पर तत्कालीन थानाध्यक्ष नवनीत कुमार, निजी चालक व अज्ञात शराब कारोबारी पर प्राथमिकी दर्ज किया गया। शराब बरामदगी के बाद तत्कालीन  एसपी ने तत्कालीन थानेदार नवनीत कुमार को निलंबित कर दिया था. साथ ही थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। वहीं एसपी ने शराब कारोबार में संलिप्तता को लेकर तीन चौकीदार को बर्खास्त किया था ।

तत्कालीन थानेदार पर कार्रवाई नहीं होने पर उठे सवाल  : मोतिहारी में शराब पीने वाले को पकड़कर तुर्रम खा बनने वाली पुलिस की सच्चाई बता रहे। करीब एक हज़ार लीटर देशी और विदेशी अवैध शराब को थाने में छुपाकर ऱखने वाले तुरकौलिया के तत्कालीन थानेदार नवनीत कुमार पर आज तक कोई एक्शन नहीं. खुलासे के बाद थानेदार के खिलाफ तुरकौलिया थाने में ही केस दर्ज हुआ था. केस दर्ज होने की भनक के बाद आरोपी थानेदार नवनीत कुमार फरार हो गया था। तीन वर्ष बीतने के बाद भी तुरकौलिया थाना के तत्कालीन थानेदार पर अबतक विभागीय बड़ा एक्शन नहीं हुआ। उसी आसपास मोतिहारी जिले में ही शराब तस्कर से बातचीत का ऑडियो वायरल होने पर मधुबन थाना के तत्कालीन थानेदार को रिटायर होने के 5 दिन पूर्व बर्खास्त किया गया था। तुरकौलिया थाना के तत्कालीन थानेदार नवनीत कुमार पर अबतक कार्रवाई नही होना जिले में चर्चा का विषय बना है।


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